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IAS Puja Khedkar पर बड़ा एक्शन, ऑन जॉब ट्रेनिंग से बुलाया, पुणे के डीएम के खिलाफ थाने में दी शिकायत

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन हुआ है। पूजा खेडकर की ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने ऑन जॉब ट्रेनिंग से वापस बुला लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूजा को मसूरी के ट्रेनिंग अकेडमी में वापस बुलाया गया है। 23 जुलाई तक पूजा खेडकर को रिपोर्ट करने के लिए कह दिया गया है। खेडकर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के मामले में जांच के दायरे में हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी ने एक पत्र में कहा कि उसने पूजा दिलीप खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए तत्काल वापस बुला लिया है।

उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया 

सूत्रों के अनुसार, प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है, जिन्होंने सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पुणे से उनका स्थानांतरण शुरू किया था। खेडकर को पिछले सप्ताह अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में काम करने के लिए पुणे से वाशिम स्थानांतरित किया गया था। 

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16 जुलाई को एलबीएसएनएए के आधिकारिक नोटिस के अनुसार, वाशिम, महाराष्ट्र में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर पूजा खेडकरको महाराष्ट्र में उनके प्रशिक्षण कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। उन्हें यथाशीघ्र और 23 जुलाई से पहले अकादमी में वापस रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यह फैसला खेडकर के सिविल सेवा में चयन पर विवाद पैदा होने के कुछ दिनों बाद आया है। उन पर सेवा में पद सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। पिछले हफ्ते, केंद्र ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की पुष्टि के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था।

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2023 बैच की अधिकारी खेडकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। वहीं, खेडकर ने दावा किया कि उनकी छवि खराब की जा रही है। खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें से एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता को दर्शाता है। 

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