तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आई, तो सरकारी कार्यालयों में ‘‘बिचौलिया युग’’ शुरू हो जाएगा।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव साल के अंत में प्रस्तावित हैं।
राव ने यहां से लगभग 140 किलोमीटर दूर सूर्यापेट में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने कहा है कि सत्ता में आने पर पार्टी ‘धरणी पोर्टल’ (एकीकृत भू अभिलेख प्रणाली) को समाप्त कर देगी।
उन्होंने चेताया, ‘‘यह कदम व्यवस्था में बिचौलियों को वापस लाएगा… अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो राजस्व कार्यालय और पंजीकरण कार्यालयों में बिचौलिये होंगे।’’
केसीआर ने दावा किया कि ‘धरणी पोर्टल’ में भूमि रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और यहां तक कि मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव के पास भी रिकॉर्ड बदलने की शक्ति नहीं है।
उनके मुताबिक, ‘धरणी’ की वजह से ही कुछ सरकारी योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू हो रही हैं।
उन्होंने राज्य में सत्ता में आने पर सामाजिक पेंशन के रूप में 4,000 रुपये देने के वादे को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला और पूछा कि ऐसी योजना कांग्रेस शासित राज्यों में क्यों लागू नहीं की जा रही है।
केसीआर ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस, जिसने 50 वर्षों तक शासन किया, सामाजिक पेंशन के रूप में केवल 200 रुपये देती थी।
अब वे कहते हैं, ‘हमें एक मौका दें, हम इसे 4000 रुपये कर देंगे।’’
मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘क्या कांग्रेस इसे छत्तीसगढ़ में दे रही है, जहां उनका शासन है? क्या वे इसे कर्नाटक में दे रहे हैं? क्या वे इसे राजस्थान में दे रहे हैं? क्या प्रत्येक राज्य के लिए अलग नीति है।’’
राव ने कहा कि कोविड महामारी और 2016 में ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी’’ के कारण तेलंगाना को हुए राजस्व के नुकसान के बावजूद, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने सफलतापूर्वक 37,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ कर दिया है।
कांग्रेस के कथित खराब शासन के लिए उसपर निशाना साधते हुए राव ने आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में जब से उसने(कांग्रेस ने) सत्ता की बागडोर संभाली है, बेंगलुरु शहर को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के नेता तेलंगाना के लोगों से उन्हें एक मौका देने के लिए कह रहे हैं। राव ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन, पिछले 50 वर्षों में कई मौके दिये जाने के बावजूद दोनों दलों ने कुछ नहीं किया।