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हार सुनिश्चित दिखती है तो कांग्रेस किसी दलित को उम्मीदवार बना देती है : Chirag Paswan

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि महत्वपूर्ण पदों पर जब उसे हार सुनिश्चित दिखती है तो वह किसी दलित नेता को ‘प्रतीकात्मक उम्मीदवार’ के रूप में मैदान में उतार देती है। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में विपक्षी दलों की ओर से कोडिकुन्नील सुरेश को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दलित नेता और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए यह टिप्पणी की है। सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी। 
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी के. सुरेश के साथ होगा। सुरेश आठवीं बार सांसद बने हैं और वह दलित समुदाय से आते हैं। चिराग पासवान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है तो वे दलित कार्ड चल देते हैं।’’ पासवान ने कहा कि साल 2002 में उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं फिर भी उन्होंने सुशील कुमार शिंदे को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया। 
 

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उन्होंने कहा, ‘‘अब जब उनके पास स्पष्ट रूप से लोक सभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संख्याबल नहीं है तो वे कांग्रेस के दलित के नेता के.सुरेश जी को नामांकित कर रहे हैं।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘विपक्ष के लिए क्या दलित नेता केवल और केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार हैं?’’ लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान बुधवार को होगा। संख्याबल के हिसाब से राजग उम्मीदवार बिरला का पलड़ा भारी है। बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।

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