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बेंगलुरु । कर्नाटक में भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए जद (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि अगर वह अपने पास मौजूद दस्तावेजों को जारी करते हैं तो राज्य के छह-सात मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ेगा। कुमारस्वामी ने दावा किया कि जब उन्होंने कुछ कथित अनियमितताओं के संबंध में राज्य सरकार को घेरना शुरू किया और सार्वजनिक रूप से उन पर चर्चा शुरू की, तो कांग्रेस प्रशासन कुछ मामलों में उन्हें ‘‘फंसाने’’ की कोशिश करने लगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धरमैया ने (पिछली भाजपा सरकार पर) 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार होने का आरोप लगाया था और सत्ता में आए थे। आज उनकी अपनी पार्टी कह रही है कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद यह 40 प्रतिशत (कमीशन) से अधिक है। सिद्धरमैया, क्या लोगों ने आपको इसलिए जनादेश दिया था?’’ कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे पास चीजें हैं, मैं भाग नहीं रहा हूं। अगर मैं अपने पास मौजूद दस्तावेज जारी कर दूं, तो छह से सात मंत्रियों को इस्तीफा देना होगा…।’’
राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस लिए जाने के संदर्भ में और मैसूरू शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘अगर मैसूरू (एमयूडीए) घोटाले में उनकी (सिद्धरमैया) कोई भूमिका नहीं थी, तो कैबिनेट द्वारा कुछ निर्णय जल्दबाजी में क्यों लिए जा रहे हैं?’’ उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य में एक नयी तरह की कानूनी व्यवस्था ला रही है जिसके तहत कई मामलों में सिर्फ किसी के शिकायत देने पर ही गिरफ्तारी की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपके (सिद्धारमैया) मामले में अदालत द्वारा निर्देश जारी करने के 48 घंटे बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।’’
बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा सिद्धरमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी शुक्रवार को भूमि अधिसूचना रद्द करने के एक मामले में पूछताछ के लिए लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश हुए थे। यह उल्लेख करते हुए कि वह स्वेच्छा से लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश हुए थे, केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि मीडिया के एक वर्ग के बीच गलत सूचना फैलाई गई कि लोकायुक्त ने उन्हें नोटिस दिया है, ताकि जनता का ध्यान मुख्यमंत्री के उस मामले से भटकाया जा सके जो सुर्खियों में है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस दावे पर उन पर निशाना साधा कि भाजपा और जद (एस) उनकी सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।