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Bengal : पुलिस ने एनजीओ की टीम को हिंसा प्रभावित हावड़ा जाने से रोका

पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की छह सदस्यीय टीम को हावड़ा के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में‘तथ्य अन्वेषण’ टीम को विद्यासागर सेतु टोल प्लाजा पर उस समय रोका गया जब वह शिवपुर के काजीपाड़ा जा रही थी जहां पर रामनवमी उत्सव के दौरान हिंसा की घटना हुई थी।

उन्होंने बताया कि टीम के सदस्यों की रोके जाने पर पुलिस के साथ तीखी बहस हुई और करीब 30 मिनट तक इंतजार करने के बाद टीम के सदस्य कोलकाता स्थित होटल लौट आए।
पुलिस ने कहा कि टीम को इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि अब भी वहां पर भारतीय दंड प्रक्रिया संहित (सीआरपीसी) की धारा- 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को भी टीम को पुलिस ने हुगली जिले के रिसड़ा और श्रीरामपुर इलाके में जाने से रोक दिया था जहां पर इसी तरह की हिंसा रामनवमी के अवसर पर पिछले सप्ताह हुई थी।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि इलाके में टीम भेजने वाले एनजीओ के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है।
तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘ जब हिंसा प्रभावित हावड़ा और हुगली जिले के इलाके सामान्य स्थिति को लौट रहे हैं, तब ऐसे दौरे तनाव को ही बढ़ाएंगे। पुलिस उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत काम कर रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा ऐसे एनजीओ के पीछे है। भाजपा ने शिवपुर और रिसड़ा में समस्या उत्पन्न की। अब वे नहीं चाहते कि सामान्य स्थिति लौटे।’’
वहीं, भाजपा ने दावा किया है कि प्रभावित इलाकों में राज्य सरकार के अत्याचार को छिपाने के इरादे से पुलिस ने एनजीओ की टीम को रोका।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘‘ममता बनर्जी सरकार हावड़ा और हुगली जिले में आम लोगों के खिलाफ किए गए अत्याचार को छिपाना चाहती है।

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