गुजरात से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मानहानि के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाली याचिका के संबंध में मंगलवार को यहां एक सत्र अदालत में अपना जवाब दाखिल करेंगे। उनके वकील ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता की ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया। सूरत मेट्रोपोलिटन अदालत ने राहुल गांधी की ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?’’ टिप्पणी को लेकर उन्हें मानहानि का दोषी ठहराने के बाद 23 मार्च को दो साल की जेल की सजा सुनायी थी।
राहुल को 24 मार्च को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। उन्होंने तीन अप्रैल को सत्र अदालत में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने तीन अप्रैल को राहुल गांधी को जमानत दे दी थी और दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी थी। अदालत ने पूर्णेश मोदी के साथ ही गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया था।
पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने सोमवार को कहा, ‘‘हम दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाली गांधी की याचिका पर 11 अप्रैल को जवाब दाखिल करेंगे।’’
राहुल के खिलाफ भाजपा के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?’’
गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी।
निचली अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील के लिए गांधी की सजा एक महीने के लिए निलंबित कर दी थी। फैसले के एक दिन बाद, राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के मुताबिक, दो साल की जेल की सज़ा मिलने पर सांसद या विधायक संसद या विधानसभा की अपनी सदस्यता से, दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य हो जाता है।