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Odisha : विपक्ष ने मंत्री की हत्या के पीछे साजिश का लगाया आरोप

ओडिशा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या के पीछे ‘गहरी साजिश’ है।
दोनों पार्टियों ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलन कर हत्या के पीछे की ‘साजिश’ का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत पर जोर दिया।
गौरतलब है कि दास(60) की सहायक पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल दास ने रविवार को झारसुगुडा में गोली माकर हत्या कर दी थी।
वहीं, सरकार ने झारसुगुडा के पुलिस अधीक्षक और एसडीपीओ का तबादला कर दिया है।

भाजपा ने पूरे मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की जबकि कांग्रेस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक जयनारायण मिश्रा ने दावा किया कि मंत्री की मौके पर ही मौत हो गई थी और झारसुगुडा जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत लाया गया घोषित कर दिया था।
भाजपा के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती नेपार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मामले की सीबीआई जांच कराने और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान देने की मांग की।

उन्होंने घटनास्थल का दौरा नहीं करने पर पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव की भी निंदा की।
मोहंती ने मुख्यमंत्री से आह्वान किया कि वह सुनिश्चित करें कि ऐसे संवेदनशील मामले में अपराध शाखा की जांच के नाम पर अहम सबूत नष्ट नहीं हो।
उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े पुलिसकर्मी द्वारा कैबिनेट मंत्री की हत्या न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे देश में दुलर्भ है।
वहीं, दूसरी ओर मिश्रा ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मंत्री की हत्या के बाद पूरे दिन नाटक किया गया। यह पूर्व नियोजित हत्या थी और इसके पीछे की गहरी साजिश का खुलासा किए जाने की जरूरत है।’’

हत्या के आरोपी एएसआई के ‘दिमागी रूप से बीमार’ होने के दावे पर मिश्रा ने कहा कि यह ऐसा लगता है कि यह लोगों को गुमराह करने के लिए है। उन्होंने सवाल किया किकैसे उसे पदोन्नति और सम्मान मिला और पुलिस से जानना चाहा कि और कितने ऐसे दिमागी रूप से अस्थिर अधिकारी ड्यूटी कर रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंचानन कानूनगो ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री को गृह विभाग छोड़ देना चाहिए।
कानूनगो ने कहा, ‘‘पटनायक को इस रहस्यमयी हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित करनी चाहिए क्योंकि अपराध शाखा की जांच के पारदर्शी और निष्पक्ष होने की संभावना कम है।’’

उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या मंत्री की हत्या करने के लिए किसी और ने पुलिस कर्मी का इस्तेमाल किया।
कानूनगो ने कहा, ‘‘यह बहुत ही संवेदनशील मामला है और मुख्यमंत्री या उनकी ओर से किसी और को कांग्रेस के सवालों का जवाब देना चाहिए।’’
विपक्ष के आरोपों पर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के उपाध्यक्ष और विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है और ओडिशा सरकार ने उडीसा उच्च न्यायालय से जांच की निगरानी करने के लिए न्यायाधीश को नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई साजिश होगी तो वह सामने आएगी।’’

इस बीच, अपराध शाखा की चार सदस्यीय टीम बेहरामपुर आरोपी पुलिस कर्मी के परिवार से पूछताछ के लिए पहुंच गई है। यह जानकारी अपराध शाखा के पुलिस उपाधीक्षक शिशिर मिश्रा ने दी।
उन्होंने बताया कि जांच टीम के सदस्य आरोपी की पत्नी के दावे के अनुसार उस डाक्टर से भी पूछताछ करेंगे जिसके उसकी दिमागी बीमारी कर इलाज किया था। टीम घटनास्थल 3डी तस्वीर लेने पहुंची और इस मौके पर अपराध शाखा के एडीजी अरुण बोथरा भी मौजूद थे।

उधर, ओडिशा सरकार ने मंगलवार को झारसुगुड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और बृजराजनगर के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) का तबादला कर दिया।
गृहविभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार झारसुगुडा के एसपी राहुल जैन को स्थानांतरित करते हुए एसपी, पुलिस मुख्यालय बनाया गया है। बारगढ़ के एसपी परमार समित पुरषोत्तम को झारसुगुड़ा की कमान सौंपी गई है। बृजराजनगर के एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है। कटक और अथमालिक एसडीपीओ सी प्रधान को उनकी जगह तैनाती दी गई है।

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