उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने संगम नगरी में 2025 में लगने वाले महाकुम्भ को अमृतकाल का पहला कुम्भ बताते हुए जनपद वासियों से नगर को स्वच्छ बनाने में सहयोग करने की सोमवार को अपील की।
मंडलायुक्त कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्य सचिव ने महाकुम्भ मेला, 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए यहां सर्किट हाउस में शीर्ष समिति की दूसरी बैठक की जिसमें 948 करोड़ रुपये की 50 प्रस्तावित परियोजनाओं में से लगभग 896 करोड़ रुपये की 38 परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की।
इसमें कहा गया कि इनमें उत्तर प्रदेश सेतु निगम/ लोक निर्माण विभाग की एक, प्रयागराज विकास प्राधिकरण की 31 और बाढ़ कार्य खंड (सिंचाई विभाग) की छह परियोजनाएं शामिल हैं।
जिले में यातायात समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्य सचिव ने ट्रैफिक प्लान के लिए सलाहकार एजेंसी की नियुक्ति कर भविष्य में यातायात समस्याओं का आकलन करते हुए कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा।
सड़कों के चौडीकरण एवं विकास पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने समय बचाने के लिहाज से सड़क निर्माण करते समय सड़क के किनारे पौधारोपण और खाली स्थानों पर पार्किंग विकसित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने नगर आयुक्त को बसवार में संचालित संयंत्र से बनाई जा रही टाइल्स का उपयोग इन सभी सड़कों के विकास में करने को कहा।
बैठक में मेलाधिकारी, कुम्भ मेला विजय किरन आनंद, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान और अन्य अधिकारी शामिल थे।