भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष को शनिवार को पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में एक मंदिर में दर्शन के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष ने देगंगा प्रखंड के चकला में लोकनाथ धाम की यात्रा की और जब वह मंदिर से बाहर आ रहे थे तो कुछ लोगों ने उन्हें निशाना बनाते हुए ‘वापस जाओ’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
घोष ने पीटीआई-से कहा, ‘‘मैं हताशा की ऐसी हरकतों को ज्यादा महत्व नहीं देता। तृणमूल कांग्रेस डरी हुई है क्योंकि उसकी पोल खुल रही है और नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजा जा रहा है।’’
लोकसभा सदस्य घोष ने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर में कुछ नागरिक कार्यकर्ताओं को तैनात करने के अलावा कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। पुलिस ने कहा कि वे नारे लगाने वालों को तितर-बितर करने में कामयाब रहे और घोष इलाके से चले गए।
राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस घटना में शामिल नहीं थी और यह लोगों के गुस्से का इजहार था। मंत्री ने दावा किया, ‘‘टीएमसी इस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। दिलीप घोष ने हालिया दिनों में केंद्रीय कोष, टीएमसी नेताओं को पेड़ों से बांधने समेत जिस तरह की टिप्पणी की है, उससे लोग नाराज हैं।