पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के आवास पर कुर्मी संगठन के सदस्यों द्वारा बुधवार को कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई। संगठन के सदस्यों ने घोष से माफी मांगने की मांग की और दावा किया उन्होंने उनके समुदाय का अपमान किया है।
आदिवासी कुर्मी समाज पुरुलिया जिला समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर शहर में घोष के किराये के आवास की खिड़की के शीशे और दरवाजे तोड़ दिए। वह हाथ में झंडे और तख्तियां लिए हुए थे।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को हटाया।
हालांकि, इस घटना के सिलसिले में किसी की गिरफ्तारी का तत्काल पता नहीं चल सका है।
इस समय नयी दिल्ली में मौजूद घोष ने आरोप लगाया कि तोड़फोड़ के पीछे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का हाथ है।
उन्होंने आरोप लगाया, “मैंने कुर्मियों की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग का समर्थन किया है। टीएमसी मेरे बयानों का गलत मतलब निकालकर मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कुर्मियों के वेश में मेरे आवास पर हमला किया।”
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि घोष ने कुर्मियों के बारे में उस समय कुछ अनुचित टिप्पणियां कीं, जब वह एसटी दर्जे की मांग को लेकर समुदाय द्वारा किए गए प्रदर्शन के कारण रास्ते में फंस गए थे। यह कुछ दिन पहले हुआ जब मेदिनीपुर के सांसद पड़ोसी झाड़ग्राम जिला जाते समय रास्ते में थे।
तृणमूल कांग्रेस ने घोष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उसके सदस्य तोड़फोड़ की घटना में शामिल थे।
तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नेता अजीत मैती ने कहा, “यह निराधार आरोप हैं। उन्हें कुर्मी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।