केन्द्रीय मंत्रियों भूपेंद्र यादव और अश्विनी कुमार चौबे ने यहां भारतीय वन्यजीव संस्थान में शुक्रवार को पश्मीना प्रमाणीकरण केन्द्र तथा संवेदनशील हाथी आवासों में रेलवे पटरियों पर वन्यजीवों को नुकसान से बचाने हेतु उन पर नजर रखने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की।
सार्वजनिक—निजी भागीदारी पर आधारित पश्मीना प्रमाणीकरण केन्द्र की स्थापना भारतीय वन्यजीव संस्थान और ‘एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफट्स’ के सहयोग से की गयी है। पश्मीना उत्पादों का प्रमाणीकरण होने से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय पश्मीना में विश्वास बढ़ेगा और पश्मीना व्यापार में क्रांति आएगी।
भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क के समृद्ध वन्यजीव आवासों के बीच से गुजरने के कारण इसके मार्गों को वन्य जीवों के लिए सुरक्षित करने के लक्ष्य से मंत्रियों ने एक ऑनलाइन पोर्टल की भी शुरूआत की।
यह पोर्टल रेलवे लाइनों द्वारा विभाजित हाथियों के आवासों में वन्यजीवों को होने वाले नुकसान को कम करने के उपायों की निगरानी के लिए अपनी तरह का पहला प्लेटफॉर्म है। यह पहल बुनियादी ढांचे विकास और जैवविविधता संरक्षण के बीच स्थायी संतुलन के लिए भारत के समर्पण को दर्शाता है।
इस पोर्टल के जरिए वन विभाग, रेलवे और भारतीय वन्यजीव संस्थान की एक संयुक्त टीम वन्यजीवों की निगरानी कर सकेंगी।
इस मौके पर यादव ने कहा कि यह कदम उदाहरण हैं कि कैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी आर्थिक विकास और विरासत संरक्षण के बीच संतुलन बना सकती है।
चौबे ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमारे निरंतर प्रयासों में आज का दिन एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिखाया है कि कैसे नवाचार और सहयोग से प्रभावशाली समाधान निकल सकते हैं।