भारत के पड़ोसी और करीबी देशों में शुमार बांग्लादेश को लुभाने का चीन बहुत प्रयास कर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा होने नहीं देंगे। हाल ही में अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने बांग्लादेश समेत विभिन्न पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था। अब लगभग दो सप्ताह बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना फिर भारत यात्रा पर आईं। खास बात यह रही कि मोदी के तीसरे कार्यकाल में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत की पहली राजकीय अतिथि हैं। दोनों देशों के बीच जो करार किये गये हैं वह दर्शाते हैं कि भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक संबंधों को भविष्य की ओर साथ ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब वह जल्द ही चीन की यात्रा पर जाने वाली हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
हम आपको बता दें कि भारत और बांग्लादेश ने आज नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए भविष्य की योजना पर सहमति जताई और समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी) को बढ़ावा देने सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के बीच व्यापक वार्ता के दौरान समझौतों को अंतिम रूप दिया गया। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमुख समझौतों में डिजिटल क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ करने और ‘‘हरित साझेदारी’’ पर भी एक समझौता शामिल है। दोनों पक्षों ने रेलवे संपर्क पर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने नये क्षेत्रों में सहयोग के वास्ते भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण तैयार किया है। हरित साझेदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्री अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से दोनों देशों के युवाओं को लाभ मिलेगा।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले एक साल में हम करीब 10 बार मिले हैं। लेकिन आज की मुलाकात इसलिए खास है क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल में हमारी पहली राजकीय अतिथि हैं।”
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शेख हसीना का बयान
वहीं, अपनी टिप्पणी में हसीना ने भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और एक विश्वसनीय मित्र बताया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, विश्वसनीय मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश, भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है।’’ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत सरकार और भारत के लोगों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करती हूं।’’ हसीना ने 1971 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले ‘‘भारत के वीर शहीदों’’ को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी बहुत ही सार्थक बैठकें हुईं, जिसमें हमने सुरक्षा, व्यापार, संपर्क, साझा नदियों के पानी के बंटवारे, बिजली और ऊर्जा तथा क्षेत्रीय व बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।’’ हसीना ने कहा, ‘‘हम अपने लोगों और देशों की बेहतरी के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमत हुए हैं।’’
विदेश सचिव का बयान
हम आपको बता दें कि द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत और बांग्लादेश के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों की सूची जारी की। इस दौरान विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, “…भारत एशिया में बांग्लादेशी उत्पादों के लिए सबसे बड़ा बाजार है…हमें उम्मीद है कि CEPA वार्ता शीघ्र शुरू होगी और नए सीमा हाट भी खुलेंगे…आज मत्स्य पालन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो अलग-अलग समझौता ज्ञापन हुए हैं…आज दस समझौते संपन्न हुए हैं…दोनों नेताओं के बीच यात्रा, चर्चा और परिणाम बहुत ही सार्थक और उद्देश्यपूर्ण रहे हैं…।”
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, “… दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर सहमति ज्ञापन का आदान-प्रदान किया, जिसका उद्देश्य भारत के प्रक्षेपण यान पर बांग्लादेश के लिए संयुक्त रूप से विकसित लघु उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए सहयोग स्थापित करना है। दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई और उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता और उत्सुकता को रेखांकित किया। बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और दोनों देशों के बीच रक्षा-औद्योगिक सहयोग दोनों के लिए योजनाओं का समर्थन भी किया। कनेक्टिविटी भारत-बांग्लादेश साझेदारी के केंद्रीय स्तंभों में से एक बनी हुई है…।”