राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी दलों की चिंताओं को सुनने के कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति बुधवार सुबह 11.30 बजे विपक्षी सांसदों (संसद सदस्यों) से मिलने पर सहमत हुई हैं। 20 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मणिपुर में हिंसा पर व्यापक चर्चा की मांग उठाई जा रही है। विपक्षी दल राज्य की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में बयान देने की भी मांग कर रहे हैं। विपक्ष दलों का दावा है कि भाजपा शासित मणिपुर में हिंसा चिंताजनक है और इसके कारण कई लोगों की मौत हुई है।
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इंडिया गठबंधन ने नेताओं ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों के नेता और हाल ही में मणिपुर का दौरा करने वाले 21 विपक्षी सांसद बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘29 और 30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करने वाले ‘इंडिया’ के घटक दलों के 21 सांसद 2 अगस्त को सुबह 11:30 बजे माननीय राष्ट्रपति महोदया से मुलाक़ात करेंगे। ‘इंडिया’ के सभी घटक दलों के सदन के नेता भी उनके साथ होंगे।’’ सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति से मुलाकात के समय विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति को उनके समक्ष रखेंगे।
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विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के 21 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा किया था। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि अगर मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो देश के लिए सुरक्षा समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही अब तक बाधित रही है।