भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में टिप्पणी करते हुए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले की आलोचना करने के लिए मुस्लिम देशों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि समूह ने सीमा पार आतंकवाद के बेपरवाह प्रवर्तक के इशारे पर बयान जारी किया, जिससे उसकी अपनी विश्वसनीयता कम हुई। उन्होंने मंगलवार को जारी बयान को ‘गलत जानकारी वाला और गलत इरादे वाला बताया।
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भारत ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के जनरल सचिवालय द्वारा जारी बयान को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह गलत सूचना और गलत इरादा दोनों है। ओआईसी ऐसा मानवाधिकारों के क्रमिक उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रमोटर के इशारे पर करता है, जिससे उसकी कार्रवाई और भी संदिग्ध हो जाती है। ऐसे बयान केवल ओआईसी की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव ने फैसले पर चिंता व्यक्त की।
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ओआईसी के बयान में कहा दया जनरल सचिवालय आत्मनिर्णय के अधिकार की तलाश में जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता की पुष्टि करता है और संबंधित संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपना आह्वान दोहराता है।