विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को चीन और पाकिस्तान के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को ‘अनुचित’ बताते हुए खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, हमने चीन और पाकिस्तान के बीच 07 जून 2024 के संयुक्त बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अनुचित संदर्भों को नोट किया है। हम ऐसे संदर्भों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। इस मुद्दे पर हमारी स्थिति संबंधित पक्षों के लिए सुसंगत और सर्वविदित है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे।
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विदेश मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे। किसी अन्य देश के पास इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पाकिस्तान और चीन के 7 जून के संयुक्त बयान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत गतिविधियों और परियोजनाओं का भी उल्लेख किया गया है, जिनमें से कुछ पाकिस्तान के जबरन और अवैध कब्जे के तहत भारत के संप्रभु क्षेत्र के अंतर्गत हैं।
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संयुक्त बयान में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत गतिविधियों और परियोजनाओं का भी उल्लेख किया गया है, जिनमें से कुछ पाकिस्तान के जबरन और अवैध कब्जे के तहत भारत के संप्रभु क्षेत्र में हैं। इसमें कहा गया है कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करने वाले इन क्षेत्रों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को मजबूत करने या वैध बनाने के लिए अन्य देशों के किसी भी कदम का दृढ़ता से विरोध और अस्वीकार करते हैं।