एक वादा जो मोदी सरकार ने सीएए का किया था, उसे न केवल लागू किया गया बल्कि 14 लोगों को नागरिकता भी प्रदान कर दी गई। गृह मंत्रालय ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। कानून 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में सीएए नियमों को अधिसूचित किया था। अपने लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में भाजपा ने वादा किया था कि वह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत पात्र आवेदकों को नागरिकता प्रदान करेगी। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राष्ट्रीय राजधानी में कुछ आवेदकों को दस्तावेज सौंपे।
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गृह मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना के बाद नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट आज जारी किया गया। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आज नई दिल्ली में कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। गृह सचिव ने आवेदकों को बधाई दी और मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लोकसभा चुनाव शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले 11 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया था। सीएए नियम जिला स्तरीय समितियों (डीएलसी) को भारतीय नागरिकता के लिए पात्र लोगों के आवेदन स्वीकार करने के लिए अधिकृत करते हैं। वे राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति को नागरिकता देने से पहले आवेदनों की जांच करने का अधिकार देते हैं।
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मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अधिकारियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों से आवेदन मिल रहे हैं, जो धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर 31 दिसंबर तक भारत में प्रवेश कर चुके हैं। इसमें आगे कहा गया है कि डीएलसी, जिसकी अध्यक्षता नामित अधिकारी करते हैं, ने दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई है।