राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका (डब्ल्यूजीए) के सदस्यों द्वारा बेहतर वेतन, उच्च न्यूनतम वेतन सहित छोटे विशिष्ट अनुबंधों की मांग को लेकर जारी हड़ताल को अपना समर्थन देते हुए भारत के ‘स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) ने अपने सदस्यों से अमेरिका आधारित फिल्मों और वेब सीरीज पर काम रोकने का अनुरोध किया है।
एसडब्ल्यूए के महासचिव जमान हबीब ने कहा कि डब्ल्यूजीए के लेखकों के द्वारा वैध मांग की जा रही है ‘‘इसलिए हम उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।’’
हबीब ने पीटीआई-को बताया, हमने अपने एसडब्ल्यूए सदस्यों से अपील की है कि जो भी अभी अंतरराष्ट्रीय शो और फिल्मों में काम कर रहे हैं, उसे अभी के लिए रोक दें।
यह एक सामान्य अनुरोध है …। हमारा राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका , राइटर्स गिल्ड ऑफ इजराइल , राइटर्स गिल्ड ऑफ ब्रिटेन के साथ बहुत अच्छा तालमेल और जुड़ाव है। हम राइटर्स गिल्ड की अंतरराष्ट्रीय संबद्धता (आईएडब्लूजी) के साथ भी जुड़े हैं, हम उसके सदस्यों में से एक हैं इसलिए हम एक-दूसरे का समर्थन करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि अन्य फिल्म उद्योगों के गिल्ड्स भी डब्ल्यूजीए का समर्थन कर रहे हैं।
हबीब ने कहा, ‘‘प्रत्येक गिल्ड ने अपने सदस्यों से किसी कार्यक्रम पर काम न करने की अपील की है ताकि वे डब्ल्यूजीए तथा लेखक समुदाय का समर्थन कर सकें। यह एक वैध मांग है। डब्ल्यूजीए बातचीत करने की कोशिश कर रहा है लेकिन प्रोड्यूसरों के साथ बात नहीं बनी इसलिए उन्हें यह हड़ताल करनी पड़ी और हम एकजुटता से उनके साथ हैं।’’
डब्ल्यूजीए के प्रतिनिधित्व वाले लगभग 11,500 हॉलीवुड फिल्म और टेलीविजन लेखक विभिन्न मांगों को लेकर इस सप्ताह की शुरुआत से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब हॉलीवुड में मनोरंजन उद्योग को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले वर्ष 2007-2008 में पिछली बार हुई डब्ल्यूजीए की हड़ताल 100 दिनों तक चली थी। वहीं, 1988 में हुई हड़ताल 153 दिनों तक चली थी।
वरिष्ठ पठकथा लेखक और एसडब्ल्यूए के सक्रिय सदस्य अंजुम राजबाली ने कहा कि एक राइटर्स गिल्ड के तौर पर डब्ल्यूजीए की मांगों के साथ खड़े होना उनका नैतिक दायित्व है।