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प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने कहा कि प्रयागराज में एक अधिकारी ने 7000 मछुआरों का बीमा तो करा दिया, लेकिन उन्हें इसका प्रमाण पत्र नहीं दिया। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। यहां सर्किट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “इस जिले में 7,000 मछुआरों की ओर से बीमा के लिए आवेदन आए और उन मछुआरों का बीमा भी हो गया, लेकिन मछुआरों को बीमा प्रमाणपत्र नहीं मिले जिससे उन्हें बीमा होने की जानकारी ही नहीं हो पाई।”
संजय निषाद ने कहा, “इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। फिलहाल उस अधिकारी को पद से हटा दिया गया है। अब विभाग शिविर लगाकर बीमित व्यक्तियों को प्रमाणपत्र वितरित करेगा।” मंत्री ने अधिकारी का नाम नहीं बताया। प्रयागराज में मछली पालन के लिए तालाबों के पट्टे देने में हुई अनियमितताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों ने पट्टे और मुख्यमंत्री संपदा योजना के पैसे भी अपात्रों को दे दिए। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
विभाग की समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मछली पालन के क्षेत्र में सहायक गतिविधियों से जुड़े लोग किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ ले सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देश के मुताबिक, मत्स्य पालन गतिविधि से जुड़े लोगों के आवेदन को विभाग सत्यापित करेगा जिसके बाद उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में 2300 लोगों ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था जिसमें से केवल 168 लोगों को ही यह कार्ड मिला है। विभाग 15 अक्टूबर से अभियान चलाकर मछुआरों का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएगा। मंत्री ने बताया कि मछुआरा कल्याण कोष के तहत वर्तमान में प्रदेश में आठ परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से एक परियोजना के तहत सरकार मछुआरों के गांव में एक सामुदायिक भवन बनाकर वहां डिजिटल पुस्तकालय शुरू करेगी जिससे दूसरी जातियों के लोगों को भी फायदा होगा।