दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धन के दुरुपयोग के आरोपों के बीच अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा दिल्ली जल बोर्ड का ऑडिट कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों के रिकॉर्ड का ऑडिट किया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर भाजपा और आप में पिछले महीने से तीखी नोकझोंक जारी है। पिछले 15 वर्षों की अगर जांच होती है तो उसमें शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भी आएगी।
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केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि विपक्ष कुछ आरोप लगा रहा है। तो, इससे (ऑडिट) सब कुछ बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगा। हमने दिल्ली जल बोर्ड के पिछले 15 वर्षों के सीएजी ऑडिट का आदेश दिया है…अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। अगर कोई विसंगति नहीं होगी तो सच्चाई सामने आ जायेगी। इस सप्ताह की शुरुआत में, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आप सरकार द्वारा संचालित एजेंसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी के सदस्यों ने डीजेबी पर अपने सीवरेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए फर्जी निविदाएं देने का “घोटाला” करने का आरोप लगाया।
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दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे अच्छी बात कोई हो ही नहीं सकती. यह दिल्ली सरकार की पारदर्शिता को दर्शाता है कि मुख्यमंत्री ने स्वयं सीएजी ऑडिट का आदेश देने का विकल्प चुना। यह आप सरकार और हमारे नेता अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी को साबित करता है।’ इससे दिल्ली जल बोर्ड का राजनीतिकरण करने की कोशिश भी ख़त्म हो जाती है। डीजेबी में हम सभी दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन भाजपा ऐसे मुद्दे लाने की कोशिश कर रही है जिनमें कोई दम नहीं है। तो अब सीएजी ऑडिट से सब कुछ साफ हो जाएगा।