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आवर्ती जमा समेत कुछ बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ी, पीपीएफ में कोई बदलाव नहीं

सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिये आवर्ती जमा (आरडी) समेत कुछ बचत योजनाओं पर शुक्रवार को ब्याज दर 0.3 प्रतिशत तक बढ़ा दी। बैंकों में जमाओं पर बढ़ती ब्याज दरों के बीच यह कदम उठाया गया है।
हालांकि निवेशकों के बीच लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सबसे ज्यादा 0.3 प्रतिशत ब्याज पांच साल के आवर्ती जमा (आरडी) पर बढ़ाया गया है। इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आवृत्ति जमा धारकों को 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 6.2 प्रतिशत था।
ब्याज दरों की समीक्षा के बाद डाकघरों में एक साल की मियादी जमाओं (एफडी) पर ब्याज 0.1 प्रतिशत बढ़कर 6.9 प्रतिशत मिलेगा।

वहीं दो साल की मियादी जमा पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो अब तक 6.9 प्रतिशत था।
हालांकि तीन साल और पांच साल की मियादी जमाओं पर ब्याज को क्रमश: 7.0 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
इसके साथ पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज को 7.1 प्रतिशत और बचत खाते में जमा पर ब्याज को 4.0 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर भी एक जुलाई से 30 सितंबर, 2023 तक के लिये ब्याज को 7.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 8.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और किसान विकास पत्र पर ब्याज क्रमश: 8.2 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत रहेगा।
इसके पहले, जनवरी-मार्च तिमाही के साथ-साथ अप्रैल-जून तिमाही में भी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज बढ़ाये गये थे।लघु बचत योजना पर ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं।
मासिक आय योजना पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इस पर पहले की तरह 7.4 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दियाहै। इससे जमाओं पर भी ब्याज दरें बढ़ी हैं।
हालांकि केंद्रीय बैंक ने पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई इजाफा नहीं किया है।

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