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‘अभय मुद्रा’ से लेकर ‘चक्रव्यूह’ तक…क्या बीजेपी को उसके ही खेल में मात देने की कर रहे कोशिश राहुल गांधी

राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसने भारतीयों को हिंदू महाकाव्य महाभारत का संदर्भ देते हुए आधुनिक चक्रव्यूह में फंसा दिया है और देश में भय का माहौल पैदा कर दिया है। गांधी ने आरोप लगाया कि वह ‘चक्रव्यूह’ पीएम मोदी के नेतृत्व में छह लोगों द्वारा चलाया जा रहा था। राहुल के इतना कहते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब हिंदू महाकाव्य के जरिए राहुल ने भाजपा पर निशाना साधा है। 
 

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विपक्ष के नेता बनने के बाद से, राहुल गांधी ने लोकसभा में दो भाषण दिए हैं। दोनों बार की रणनीति में एक समानता देखते को मिली। भाजपा की आलोचना करने के लिए वह हिंदू देवताओं, प्रतीकों और धर्मग्रंथों का हवाला दे रहे हैं। अपने पहले भाषण में उन्होंने भगवान शिव और ‘अभय मुद्रा’ का जिक्र किया। सोमवार को, अपने दूसरे संबोधन के दौरान, उन्होंने महाभारत से ‘चक्रव्यूह’ उठाया, जिसमें तर्क दिया गया कि सारी शक्ति सिर्फ छह व्यक्तियों में केंद्रित है। 

ऐसे में अगर राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो कहीं ना कहीं उनका दावा है कि राहुल गांधी भाजपा को अब उसी के मैदान में घेरने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी खुले तौर पर हिंदुत्व की बैटिंग नहीं कर रहे हैं। लेकिन हिंदुत्व के जरिए ही वह भाजपा को निशाने पर ले रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने साफ तौर पर कह दिया था कि भाजपा वाले हिंदुत्व को नहीं मानते। तब भी बहुत बवाल हुआ था। राहुल को यह बात अच्छे से पता है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए हिंदुत्व पर नरम रुख रखना पड़ेगा। बीच में कांग्रेस की ओर से कोशिश भी हुई थी। हालांकि उसे वक्त यह दांव काम नहीं किया। लेकिन अब कांग्रेस सीधे हिंदुत्व की बैटिंग नहीं करने की बजाय इनडायरेक्टली उसका लगातार हवाला दे रही है। 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने हिंदुस्तान के युवाओं, किसानों और गरीबों को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसा दिया है। उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि सत्तापक्ष चक्रव्यूह बनाता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी एवं विपक्ष चक्रव्यूह तोड़ता है। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने फंसा कर मारा था…चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- ‘पद्मव्यूह’, जो कमल के फूल के आकार का होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।’’ कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चार और लोगों का नाम लिया, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताई। 
 

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवारको लोकसभा में बोलते हुए हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों में दिखने वाली अभय-मुद्रा को अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह से जोड़ दिया। राहुल ने कहा कि अभयमुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है…अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय ख़त्म करने की बात की है…लेकिन, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं…आप हिंदू हैं नहीं। 

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