प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से हमने जानना चाहा इजराइल और लेबनान आपस में क्यों भिड़ गये हैं। इस विवाद की आखिर जड़ क्या है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी दुनिया रूस यूक्रेन युद्ध को देख ही रही थी कि अब इजराइल और लेबनान भी आपस में भिड़ गये हैं। दरअसल पूर्वी यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में हिंसक कार्रवाई की पृष्ठभूमि में हालात खराब हो गये हैं। यरुशलम में बुधवार को लगातार दूसरी रात हिंसा जारी रही, जब फलस्तीनियों ने ‘ओल्ड सिटी’ के संवेदनशील परिसर में स्थित अल-अक्सा मस्जिद में स्वयं को बंद कर लिया और इजराइली पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया। वैसे फलस्तीन के सवाल पर हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही है। भारत सरकार दो-राज्य समाधान प्राप्त करने के लिए इजराइल और फलस्तीनियों के बीच सीधी बातचीत को फिर से शुरू करने के सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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उन्होंने कहा कि इजराइल से जो मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं वह दर्शा रही हैं कि इजराइल पर दक्षिणी लेबनान से दर्जनों रॉकेट दागे गए थे। बताया जा रहा है कि 34 रॉकेट इजराइली सीमा की ओर दागे गए थे, जिनमें से 5 इजराइल में आकर गिरे। बाकी रॉकेट आयरन डोम ने गिरा दिए। इससे सवाल यह भी उठा है कि क्या इजराइल की आयरन डोम तकनीक अब सही परिणाम नहीं दे पा रही है? उन्होंने कहा कि वैसे देखा जाये तो 2006 के युद्ध के बाद से लेबनान की ओर से दागे गए रॉकेटों की यह सबसे बड़ी संख्या है। 2006 की जंग के दौरान भी इजराइल में हजारों रॉकेट लॉन्च किए गए थे। इसके अलावा अगस्त 2021 में हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में 19 रॉकेट दागे थे।