असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इजराइल-हमास युद्ध को लेकर कांग्रेस के रुख की आलोचना की। कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनानी चाहिए। सरमा ने जोरहाट में कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने से पहले इजरायल पर हमास के आतंकी हमले की निंदा करनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि इसमें आतंकवाद, हमास, बंधकों के रूप में महिलाओं और बच्चों का कोई उल्लेख नहीं है, बल्कि केवल फिलिस्तीन का उल्लेख है, जो “पाकिस्तान के बयान के समान” है।
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सरमा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर आप मुझसे पूछें तो कांग्रेस को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ या पाकिस्तान में इमरान खान या शाहबाज शरीफ के साथ गठबंधन में अपनी अगली सरकार बनानी चाहिए। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में फिलिस्तीन के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि उसे फिलिस्तीनी लोगों के भूमि, स्व-शासन और गरिमा और सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए लंबे समय से समर्थन प्राप्त है। इसने इज़रायली बलों और हमास आतंकवादियों के बीच तत्काल संघर्ष विराम का भी आह्वान किया।
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युद्ध के नए दौर के बीच ‘फिलिस्तीनी अधिकारों’ के समर्थन में कांग्रेस के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बयान में पाकिस्तान और तालिबान के बयानों के साथ आश्चर्यजनक समानताएं हैं। एक्स पर एक पोस्ट में सरमा ने कहा कि तीन पहलुओं में समानताएं हैं। कांग्रेस का प्रस्ताव हमास की निंदा न करें, इज़राइल पर आतंकवादी हमले की निंदा न करें और बंधकों महिलाओं और बच्चों पर चुप रहें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति के लिए देश के हित की बलि चढ़ाना कांग्रेस के डीएनए में है।