छोटे से पर्वतीय राज्य सिक्किम में चुनाव की तस्वीर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले थोड़ी अनूठी है। आजादी के 27 साल बाद भारत का हिस्सा बने इस राज्य में 32 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि राज्य के चुनाव का राष्ट्र की मुख्यधारा की राजनीति पर कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। हांलाकि इसके बाद भी यहां की कई खासियतें हैं। राज्य विधानसभा का कार्यकाल सिर्फ 2 जून 2024 तक है।
आपको बता दें कि सत्तारूढ़ पार्टी SMK पर अन्य राजनीतिक दलों ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पार्टी एक भ्रष्ट सरकार चला रही है। आरोप है कि यह सरकार राजनीतिक हिंसा में लिप्स है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों और संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेच रही है। इसके अलावा प्रशासन पर व्यापक औऱ संगठित अपराध का भी आरोप लगाया गया है।
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दावा किया जा रहा है कि प्रशासन पर व्यापक औऱ संगठित अपराध के कारण सिक्किमवासियों को आर्थिक मंदी और बढ़ती हिंसा जैसे विभिन्न मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही आरोप लगाया गया कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा सिक्किम की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन कर लिया है। राज्य की विपक्षी पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी पर भ्रष्टाचार, व्यापारियों से जबरन वसूली और वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाकर इन मुद्दों को हवा देने का प्रयास कर रही है।