अरुणाचल प्रदेश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारी चल रही है। जिसमें से पूर्वोत्तर राज्य में बुनियादी ढांचे और सीमा क्षेत्र के विकास को प्रमुख चुनावी मुद्दे को तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि राज्य में 60 विधानसभा सीटें और दो संसदीय क्षेत्र हैं। वहीं राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 जून 2024 को जारी किया जाएगा। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। ऐसे में एक बार फिर सभी राजनीतिक पार्टियों ने रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। तो आइए जानते हैं अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में क्या मुद्दे अहम होने वाले हैं।
अरुणाचल प्रदेश का अहम मुद्दा
आपको बता दें कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में अपने चुनावी अभियानों और चुनावी वादों व विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जहां भाजपा राज्य में बुनियादी ढांचे और सीमावर्ती क्षेत्र के विकास पर प्रभाव डालती नजर आ रही है, तो वहीं कांग्रेस कई मामलों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाना साधा है। इसके अलावा कांग्रेस ने बीजेपी को चीन के मुद्दे पर घेरा है।
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दरअसल, चीन बार-बार अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करता है। हाल ही में भारतीय राज्य ‘जांगन-चीन के क्षेत्र का एक अंतर्निहित हिस्सा’ करार दिया। हांलाकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब चीन ने प्रदेश पर अपना दावा पेश करता रहा है। वहीं साल 2021 में भारत और चीन के दर्जनों सैनिक आमने-सामने आ गए थे। जिसके कारण तनाव की स्थिति बन गई थी। लेकिन भारत ने अपनी सूझबूझ के चलते इस मामले को सुलझा लिया था। ऐसे में इस राज्य विधानसभा चुनाव में बुनियादी ढांचे और सीमा क्षेत्र के विकास को प्रमुख मुद्दे को चुनावी मुद्दे के तौर पर देखा जा रहा है।