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संसद में उठा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा, केंद्र सरकार से किया पड़ोसी देश में सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप का अनुरो

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा लोकसभा में गूंजा। भाजपा सदस्यों ने सरकार से पड़ोसी देश में हिंदुओं और इस्कॉन अनुयायियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा की हेमा मालिनी ने कहा कि मैं बेहद दुखी हूं, यह देखकर कि बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं और हिंदू मंदिरों, खासकर इस्कॉन और उसके भक्तों के साथ क्या हो रहा है। हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले जारी हैं। 

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मालिनी ने उल्लेख किया कि इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) पूरी दुनिया में स्थापित है और आज इसके लगभग हजार केंद्र हैं। मथुरा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली मालिनी ने कहा कि वे पूरी दुनिया में वैदिक संस्कृति फैलाने और कृष्ण चेतना और शांति फैलाने के लिए जाने जाते हैं। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हमले तुरंत रोके जाएं और चिन्मय कृष्ण दास सहित सभी इस्कॉन भक्तों को जेल से रिहा किया जाए और देशद्रोह का मामला हटाया जाए। असम में दरांग-उदलगुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद दिलीप सैकिया और उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने भी लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया।

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संतों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार कोबांग्लादेश उप उच्चायोग में एक ज्ञापन सौंपा जिसमें पड़ोसी देश (बांग्लादेश) में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कार्तिक महाराज ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी उपायों की मदद लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए तो पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

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