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भागवत के बयान से स्पष्ट है कि वह संविधान को नहीं मानते: कांग्रेस

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के सच्ची स्वतंत्रता वाले बयान से स्पष्ट है कि वह संविधान को नहीं मानते।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह दावा भी किया कि भागवत ने स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान किया है।

भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली।

बघेल ने भागवत के बयान का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, उनके बयान से स्पष्ट है कि वह संविधान को नहीं मानते। वह आजादी की लड़ाई का अपमान कर रहे हैं। मोहन भागवत के बयान से यह भी स्पष्ट है कि भाजपा और आरएसएस के लोग संविधान को बदलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इंडियन स्टेट वाले बयान की भाजपा के लोगों ने गलत व्याख्या की।

बघेल के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 12 में स्पष्ट है कि स्टेट का मतलब सरकार और उसकी संस्थाएं हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने विचारधारा को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन सहयोगी दलों के बीच कथित मतभिन्नता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस अपने सिद्धांतों को लेकर प्रतिबद्ध है।

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