जांचकर्ताओं ने पाया है कि जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी अफसर पाशा पिछले साल नवंबर में कर्नाटक के मंगलुरु में हुए बम धमाके का मास्टरमाइंड था और उसने ही मामले के आरोपी को कुकर बम बनाने का प्रशिक्षण दिया था। पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी।
उन्होंने बताया कि पाशा को इससे पहले बांग्लादेश में बम बनाने का प्रशिक्षण मिला था और उसने कर्नाटक की जेल में रहने के दौरान मंगलुरु धमाके के आरोपी को प्रशिक्षित किया था।
अधिकारी ने बताया कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने पूर्व में पाशा के खाते में पांच लाख रुपये हस्तांतरित किए थे।
उन्होंने बताया कि पाशा द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के आधार पर ‘विस्तृत रिपोर्ट’ तैयार की जा रही है और इसे देश की खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि पाशा इस समय नागपुर केंद्रीय कारागार में है और उसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को गैंगस्टर जयेश पुजारी द्वारा दी गई कथित धमकी के मामले में इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक की जेल से यहां लाया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और पुलिस द्वारा की जा रही जांच में खुलासा हुआ कि पाशा मंगलुरु बम धमाके का मास्टरमांइड है। पाशा मंगलुरु धमाके के आरोपी मोहम्मद शारिक को कुकर बम बनाने का प्रशिक्षण देने में शामिल था।’’
कर्नाटक के मंगलुरु शहर में गत वर्ष 19 नंवबर को ऑटोरिक्शा में धमाका हुआ था। इस मामले का आरोपी और कर्नाटक के शिवमोगा का निवासी शारिक उस ऑटोरिक्शा में था जिसमें कूकर बम लगाया गया था और धमाका किया गया था।
पुलिस ने बताया कि धमाका ‘‘ दुर्घटनावश’ नहीं हुआ बल्कि ‘आतंकी गतिविधि थी’ जिसकी मंशा गंभीर क्षति पहुंचाना था।
पाशा को इससे पहले 2012 में जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के लिए आतंकवादियों की भर्ती करने का दोषी करार दिया गया था। वह कथित तौर पर दिसंबर 2005 में बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान पर किए गए आतंकी हमले में शामिल था।
पाशा कर्नाटक के बेलगावी जिले के हिंडालगा जेल में कैद था और 14 जुलाई को उसे गडकरी को दी गई धमकी के मामले में नागपुर लाया गया था।
इस समय वह नागपुर की जेल में है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ पाशा कई साल पहले ढाका से बम बनाने का प्रशिक्षण लेकर भारत लौटा था। वह पूर्व में बेंगलुरु धमाके में भी संलिप्त था। इस तथ्य के बावजूद पूर्व की जांच के दौरान मंगलुरु धमाके में उसकी भूमिका को नजर अंदाज कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह संज्ञान में आया कि पाशा और जयेश पुजारी उर्फ कांता उर्फ शाहिर कर्नाटक के बेलगावी स्थित हिंडालगा जेल में रहने के दौरान इस्लामिक चरमपंथ का प्रसार कर रहे थे।’’
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी कैदियों को प्रभावित करते थे। पाशा ने शारिक को कुकर बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जिसका इस्तेमाल मंगलुरु धमाका में किया गया।