जयपुर बम विस्फोट मामले में पीड़ित परिवारों की ओर से उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की जायेगी। भाजपा के एक नेता ने आज यह जानकारी दी।
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, ‘‘पीड़ितों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की जायेगी और इस संबंध में वह कल दिल्ली जा रहे हैं।’’
राठौड़ ने कहा, ‘‘मैं पीड़ितों को आश्वासन देता हूं कि जब तक इन पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता भारतीय जनता पार्टी आपके साथ खड़ी है।’’
जयपुर 2008 बम विस्फोट में मारे गए बेगुनाह लोगों के अपराधियों को मुख्य रूप से कांग्रेस सरकार की कमजोर पैरवी के चलते बरी हो जाने के बाद भाजपा ने जयपुर शहर के रामलीला मैदान में पीड़ित परिवारों के साथ धरना दिया था।
साथ ही सांगानेरी गेट से हनुमान मंदिर तक मशाल जुलूस व कैंडल मार्च निकाला गया।
प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा एक ओर जहां कांग्रेस सरकार आतंकवादियों के लिए बड़े-बड़े वकील खड़े कर सकती है तो जयपुर के भी बम ब्लास्ट के अपराधियों के लिए अच्छे वकील क्यों नहीं खड़े कर सकी?
उन्होंने आरोप लगाया, इस फैसले से समझ आता है की कांग्रेस सरकार निश्चित रूप से हिंदू विरोधी सरकार है कभी रामनवमी पर रोक लगाती है, तो कभी कन्हैया जैसे व्यक्तियों को बचा पाने में असफल है। जनता के साथ भाजपा का परिवार हमेशा इन बेगुनाह लोगों के साथ खडा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को जयपुर बम ब्लास्ट मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी।
उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही खराब जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई थी।
उल्लेखनीय है कि राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे। इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था।