कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि पार्टी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट सुनिश्चित करने के वास्ते महिला आरक्षण विधेयक के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने यहां पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से इतर मीडिया से कहा कि लगभग 11 साल पहले मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान राज्यसभा में पारित किया गया विधेयक अभी भी प्रासंगिक है, क्योंकि राज्यसभा भंग नहीं होती।
उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक अभी भी प्रासंगिक है, क्योंकि यह राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है और एक बार लोकसभा में पारित हो जाने के बाद यह एक कानून बन जाएगा।’’
रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने कई बार मांग की है कि विधेयक को लोकसभा में लाया जाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किये जाने पर उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि महिलाओं को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में उतना ही आरक्षण मिले, जितना उन्हें पंचायती राज और नगरपालिकाओं में मिला है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लोकसभा में विधेयक लाने का अनुरोध किया था, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार के आठ वर्षों में इसका कभी उल्लेख नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है, जिसके संविधान में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने महिलाओं को 20 फीसदी आरक्षण देने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया है।
रमेश ने कहा, ‘‘यह अलग बात है कि हम लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए। यह कमी रही है और हमें इसे जल्द से जल्द सुधारना होगा।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिला उम्मीदवारों को दिए। उन्होंने कहा कि यह ‘‘एक प्रयोग’’ था, हालांकि महिलाओं के लिए टिकट आरक्षित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में महिलाओं के लिए टिकटों के आरक्षण पर विचार किया जाएगा और पार्टी के नये अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) खरगे इस पर विचार करेंगे।