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हमीरपुर । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जयराम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को कमजोर करने के लिए हमीरपुर को नजरअंदाज किया। ठाकुर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। सुक्खू ने हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र वर्मा के समर्थन में सिलसिलेवार जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रेम कुमार धूमल की हार के कारण हमीरपुर जिले को भारी नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि जयराम ठाकुर ने जिले के साथ भेदभाव किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जयराम सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान न तो हमीरपुर से किसी को मंत्री बनाया गया और न ही हमीरपुर जिले में किसी तरह का कोई विकास कार्य किया गया।’’ सुक्खू ने खुद का संदर्भ देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहली बार निचले हिमाचल से किसी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उनके (सुक्खू के) ही जिले के तीन विधायक सरकार गिराने की साजिश में कथित रूप से संलिप्त थे। गत फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में नौ विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ वोट दिया था। इनमें कांग्रेस के छह बागी विधायक और तीन निर्दलीय विधायक शामिल थे।
सुक्खू ने दावा किया कि जब कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास किया गया तो शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू, उना, चंबा और अन्य जिलों के 34 विधायक उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे, लेकिन हमीरपुर के तीन विधायकों ने उन्हें धोखा दिया, जिनमें हमीरपुर सीट पर उपचुनाव में भाजपा के मौजूदा उम्मीदवार आशीष शर्मा भी शामिल थे। सुक्खू ने आरोप लगाया कि पूर्व निर्दलीय विधायक ने खनिज सम्पदाओं को लूट-लूटकर पैसा बनाया। वह (आशीष शर्मा) निर्दलीय विधायक थे। अगर कांग्रेस सरकार काम नहीं कर रही थी तो उन्हें भाजपा के साथ विपक्ष में बैठना चाहिए था। उन्हें इस्तीफा देने की क्या जरूरत थी।