जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर के सम इलाके में हाल ही में आरटीडीसी की ओर से शुरू गई हेलीकॉप्टर जॉय राइड को वन नियमों के उल्लंघन के चलते बंद कर दी गई है। दो मंत्रियों व राजस्थान पर्यटन विकास निगम आरटीडीसी ने हाल ही में इसका उद्घाटन किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस हेलीपैड से उड़ान का संचालन किया जा रहा था, वह डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) से सटे इको-सेंसिटिव ज़ोन (ईएसजेड) में स्थित है जो लुप्तप्राय पक्षी गोडावण का निवास स्थान है। जानकारी के अनुसार, इस तरह की गतिविधियों के लिए कोई पर्यावरणीय मंजूरी नहीं दी गई थी।
वन विभाग ने जैसलमेर के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सेवा तुरंत बंद कर दी जाए। एक वन अधिकारी ने बताया कि यह गतिविधि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 एवं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उल्लंघन की श्रेणी में है। हेलीकॉप्टर जॉयराइड राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) की एक पहल थी जिसके तहत एक निजी कंपनी सेवा प्रदान कर रही थी। डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) के उप वन संरक्षक (डीसीएफ) आशीष व्यास ने कहा कि हेलीपैड डेजर्ट नेशनल पार्क से सटे इको-सेंसिटिव ज़ोन में स्थित है। कंपनी को वहां से उड़ान परिचालन के लिए वन विभाग से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। ईएसजेड के संबंध में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार इस तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सेवा बंद कर दी गई थी।
डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण या ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए प्रसिद्ध है। वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय लोगों ने डीएनपी के पास हेलीकॉप्टर की उड़ानों पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इससे वन्य जीव परेशान हो रहे हैं। उड़ान भरने पर इस तर्क के साथ आपत्ति जताई थी कि यह वन्यजीवों को परेशान कर रहा है। गोडावण कंजर्वेशन सोसाइटी के माल सिंह जामड़ा ने कहा कि हेलीकॉप्टर उस इलाके के उपर से संचालित हो रहा था जहां गोडावण रहते हैं यह इस पक्षी के लिए एक परेशान करने वाली गतिविधि थी। उल्लेखनीय है कि हेलीकॉप्टर जॉयराइड सेवा 28 दिसंबर को शुरू की गई थी। इसका उद्घाटन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सालेह मोहम्मद, पर्यटन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने किया। कंपनी के लिए 200 पर्यटकों के लिए प्रतिदिन अधिकतम 40 उड़ानों की अनुमति दी गई थी। जॉयराइड 5 मिनट और 15 मिनट के दो स्लॉट पैकेज में उपलब्ध था।