विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधा, कर्ज संकट और ऊर्जा, खाद्य एवं उर्वरक सुरक्षा संबंधी दबाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, लंबे समय तक कर्ज संकट और ऊर्जा, खाद्य और उर्वरक सुरक्षा पर दबाव के बीच वैश्विक आर्थिक सुधार की संभावनाएं कम हैं। यहां जी20 विकास मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए एक महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना पेश की है, जिसने जी20 कार्यों के लिए एक एकीकृत और समावेशी रोडमैप प्रस्तुत किया है।
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जयशंकर ने कहा कि रोडमैप डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और विकास के लिए डेटा को बढ़ावा देने, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में निवेश और ग्रह की रक्षा के लिए ऊर्जा संक्रमण पर केंद्रित है। दुनिया आज अभूतपूर्व और कई संकटों का सामना कर रही है – महामारी से लेकर आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, संघर्ष के प्रभाव से लेकर जलवायु घटनाओं तक, हमारा युग दिन पर दिन अधिक अस्थिर और अनिश्चित होता जा रहा है।
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ृविदेश मंत्री ने कहा कि एसडीजी की दिशा में प्रगति कोविड-19 महामारी से पहले ही कम हो रही थी और इसे और बढ़ा दिया गया है। 2015 में यूएन ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ का एक सेट तैयार किया जो दुनिया भर में गरीबी को खत्म करने, ग्रह की रक्षा करने और सभी के लिए कल्याण और समृद्धि सुनिश्चित करने पर केंद्रित था। जयशंकर ने कहा था कि भारत ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना तैयार की है जिसमें जी20 गतिविधियों के लिए समन्वित एवं समावेशी खाका पेश किया गया है। उन्होंने कहा था कि आपूर्ति शृंखला में बाधा, कर्ज संकट और ऊर्जा, खाद्य एवं उर्वरक सुरक्षा पर दबाव के मद्देनजर वैश्विक आर्थिक सुधार की संभावना धीमी बनी हुई है।