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पूरे भारत में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई जन्माष्टमी

देशभर में बृहस्पतिवार को धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई गई। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के प्रमुख मंदिरों में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाई जाती है।
दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन अवसर मेरे सभी परिवारजनों (नागरिकों के संदर्भ में) के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे, यही कामना है। जय श्रीकृष्ण!’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जन्माष्टमी के अवसर पर दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित इस्कॉन मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे।

सूत्र ने कहा, ‘‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गृह मंत्री दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर जाएंगे और रात साढ़े ग्यारह बजे पूजा-अर्चना करेंगे।’’
मथुरा में वैदिक मंत्रोच्चार, शंख और घंटे की ध्वनि के बीच हजारों भक्त तीन प्रमुख मंदिरों में भगवान कृष्ण के अभिषेक समारोह (भगवान को स्नान कराना) के साक्षी बने।
राधा दामोदर मंदिर के पुजारी बलराम गोस्वामी ने बताया कि राधा रमण, राधा दामोदर और गोकुलानंद मंदिरों में अभिषेक समारोह किया गया। इन मंदिरों में आज सुबह भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।
उन्होंने बताया कि जहां हर जगह जन्माष्टमी आधी रात के दौरान मनाई जाती है, वहीं इन मंदिरों में यह लगभग 500 साल पहले प्रसिद्ध संत जीव गोस्वामी द्वारा स्थापित परंपरा के अनुसार दिन के दौरान मनाई जाती है।

पुजारी प्रशांत शाह ने कहा कि चूंकि वृन्दावन में शाह जी मंदिर, राधा रमण मंदिर में अपनाई जाने वाली परंपराओं के अनुसार सभी त्योहार मनाता है इसलिए यहां भी जन्माष्टमी सुबह मनाई गई।
मथुरा स्थित भगवान श्रीकृष्ण के कई अन्य मंदिरों में रात 12 बजे अभिषेक समारोह आयोजित किया जाएगा।
पुजारी ने कहा कि भगवान कृष्ण के अभिषेक समारोह का चरणामृत (दूध, दही, घी, खांडसारी, शहद और कई जड़ी-बूटियों का मिश्रण) मंदिरों के सामने एकत्र हजारों भक्तों के बीच वितरित किया गया।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दिन की शुरुआत शहनाई, शंख और ढोल बजाने के साथ हुई। इसके बाद भगवान का अभिषेक किया गया और फिर भक्तों के बीच चरणामृत का वितरण किया गया।
मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि हजारों तीर्थयात्रियों ने भागवत भवन मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित अन्य मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन किए।

इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्मस्थल से कलाकारों की शोभायात्रा निकाली गयी जो मथुरा की मुख्य सड़कों और विभिन्न चौराहों से गुजरी।
द्वारकाधीश मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर, वृन्दावन, गोवर्धन, नंदगांव आदि सहित मथुरा के अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी मनाई गई।
जन्माष्टमी में भाग लेने के लिए मथुरा गए लखीमपुर खीरी के निवासी बिमलेंद्र मिश्रा ने कहा, जन्माष्टमी को लेकर जो उत्साह मथुरा में देखने को मिलता है वह कहीं और अनुभव नहीं किया जा सकता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में विदेशी भक्तों ने भी इस्कॉन और राधा दामोदर मंदिर वृन्दावन में देवी-देवताओं के दर्शन किये।
राधा दामोदर मंदिर के पुजारी बलराम गोस्वामी ने कहा कि आज मंदिर में एक विशेष आरती समारोह में कई विदेशी भक्त शामिल हुए।

कृष्ण बलराम मंदिर (इस्कॉन वृन्दावन) के अध्यक्ष पंचगोड़ा प्रभु के अनुसार विभिन्न देशों के सैकड़ों भक्तों ने कृष्ण बलराम मंदिर में भगवान के दर्शन किए।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा, राज्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और जयवीर सिंह, जिला अधिकारी (डीएम) शैलेन्द्र सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेश कुमार पांडे के नेतृत्व में शोभायात्रा निकली गयी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से बाहर यह शोभायात्रा मथुरा की मुख्य सड़कों से होकर गुजरी।
उत्सव में भाग लेने के लिए मथुरा पहुंचे लखीमपुर खीरी के निवासी बिमलेंद्र मिश्रा ने कहा, मथुरा में जन्माष्टमी समारोह देखना उत्साहजनक है। कोई भी इसे कहीं और अनुभव नहीं कर सकता है।

मथुरा जिला प्रशासन ने भीड़भाड़ और भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए बांके बिहारी मंदिर के अंदर भक्तों की संख्या सीमित करने का निर्णय लिया है।
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया। पिछले साल अगस्त में जन्माष्टमी समारोह के दौरान मंदिर में भगदड़ में दो भक्तों की मौत हो गई थी और सात घायल हो गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि आधी रात के बाद होने वाली मंगला आरती के दौरान मंदिर के आचार्यों (गोस्वामी) सहित केवल 500 भक्तों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
महानिरीक्षक (आईजी) दीपक कुमार और एसएसपी पांडे के साथ मंदिर में व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद डीएम ने कहा, आरती के दौरान भक्तों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित दही हांडी उत्सव के दौरान अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 35 ‘गोविंदा’ घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उत्सव के दौरान, गोविंदा या दही हांडी प्रतिभागी हवा में लटकी ‘दही हांडी’ को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं। पूरे शहर में यह उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है।
सुबह से शुरू हुआ उत्सव देर रात तक मनाया जाएगा। शहर भर में विभिन्न स्थानों पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें दही हांडी तोड़ने में सफल होने वाले गोविंदा समूहों को नकद पुरस्कार दिया जाता है। हालांकि, मानव पिरामिड बनाने के दौरान प्रतिभागियों के गिरने और घायल होने की आशंका रहती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुंबई में दही हांडी उत्सव के दौरान अब तक कम से कम 35 गोविंदा को चोटें आई हैं। चार गोविंदा को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो को मध्य मुंबई के परेल में बीएमसी संचालित केईएम अस्पताल और दो को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’
उन्होंने बताया कि 22 घायलों का इलाज सरकारी और निगम अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में किया जा रहा है।

बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने गोविंदाओं के घायल होने की स्थिति में निकाय अस्पतालों में 125 बिस्तरों की व्यवस्था की है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा महासचिव बीएल संतोष समारोह में शामिल हुए। भारत की जी20 अध्यक्षता को देखते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने समूह के आगामी शिखर सम्मेलन की थीम – ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) को शामिल करके जन्माष्टमी मनाई। यह कार्यक्रम 6-7 सितंबर को द्वारका सेक्टर 10 स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के मैदान में आयोजित किया गया था।
पंजाब और हरियाणा में भी जन्माष्टमी पारंपरिक उत्साह और धार्मिक उत्साह के साथ मनाई गई। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों लोगों ने मंदिरों में दर्शन किये, पूरे क्षेत्र के मंदिरों में कृष्ण पर भजन और प्रवचन का आयोजन किया गया।

‘बालगोपाल’ (बाल कृष्ण) की प्रतिमाओं को ‘झूलों’ पर सजा गया था जिन्हें भक्तों द्वारा समारोहपूर्वक झुलाया गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।
श्रीनगर में कश्मीरी पंडितों ने जन्माष्टमी पर शोभा यात्रा निकाली। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शोभा यात्रा हब्बा कदल क्षेत्र के गणपतियार मंदिर से शुरू हुई और क्रालखुद और बरबरशाह से होते हुए ऐतिहासिक लाल चौक के घंटाघर तक पहुंची।
इसके बाद शोभा यात्रा ने अमीराकदल पुल को पार किया और जहांगीर चौक से होते हुए मंदिर लौट आई।महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित भक्तों ने रथ के साथ नृत्य किया। कश्मीरी पंडित संदीप मावा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि पिछले कुछ सालों से घाटी में शोभा यात्रा निकाली जा रही है।
शोभा यात्रा में शामिल एक स्थानीय मुस्लिम गुलाम रसूल ने कहा, ‘‘एक समय था जब हम एक साथ त्योहार मनाते थे। मुस्लिम भी इन त्योहारों में भाग लेते थे।

1989 के बाद ये त्योहार नहीं मनाए गए। लेकिन अब यहां स्थिति शांतिपूर्ण है और हम चाहते हैं कि स्थिति ऐसी ही बनी रहे।’’
डोगराओं की प्राचीन परंपरा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू में बृहस्पतिवार को पतंग उत्सव मनाया गया।
राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा और राजधानी जयपुर के आराध्य देव गोविंददेव जी सहित सभी प्रमुख मंदिरों को जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विशेष तौर पर सजाया गया है। राज्‍य के सभी मंदिरों में सुबह से भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई।
जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर परिसर की कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर विशेष सजावट की गई है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर ठाकुरजी का विशेष श्रृंगार किया गया और पीले रंग का विशेष वस्त्र पहनाया गया।

भीड़ को नियंत्रित करने लिये मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है।
गोविंददेव जी मंदिर में रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी के बाद दर्शन पट्ट खुलेंगे। इसके बाद शालिग्राम पूजन और उसके साथ ही ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक होगा। इस दौरान पंडित वेद पाठ करेंगे। वहीं कल मंदिर परिसर में नंदोत्सव मनाया जाएगा और शोभायात्रा निकाली जायेगी।
वहीं, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर में दिन में 12 बजे ही जन्मोत्सव मनाया गया। इसके बाद दिन में ठाकुर जी को पीले कपड़े धारण कराए गए। विशेष फूलों से श्रृंगार झांकी सजाई गई है।
जगतपुरा के हरे कृष्ण मार्ग स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे किया जाएगा और उसके बाद महाआरती की जायेगी।
राजसमंद जिले में प्रसिद्ध नाथद्वारा में कृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह पौने पांच बजे से लगभग डेढ़ घंटे के लिए मंगला (पंचामृत) के दर्शन खुले। इसके बाद प्रभु श्रीनाथ जी का श्रृंगार और राजभोग की झांकी में विशेष श्रृंगार किया गया।

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