तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने राजनीति छोड़ने की भी घोषणा की है। जवाहर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपने इस फैसले की जानकरी दी है। उन्होंने अपने पत्र में आरजी कर अस्पताल में हुई भयावह घटना का जिक्र भी किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि घटना को लेकर सरकार के कदम अपर्याप्त हैं, जिससे वह आहत हैं। इसके अलावा भी उन्होंने अपने पत्र में कई कारणों का जिक्र किया है, जिनकी वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है।
सरकार ने रविवार को ‘एक्स’ पर अपने पत्र को साझा करते हुए लिखा, ‘मैं मुख्य रूप से आरजी कर अस्पताल में हुए भयानक बलात्कार-हत्या मामले के बाद सबसे स्वतःस्फूर्त जन आंदोलन को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गलत तरीके से संभालने के कारण सांसद के रूप में इस्तीफा दे रहा हूँ।’ उन्होंने आग कहा, ‘राजनीति छोड़ रहा हूँ, न्याय के लिए लोगों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा होने के लिए। मूल्यों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अपरिवर्तित है।’
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आरजी कर अस्पताल में हुई भयावह घटना का जिक्र करते हुए सरकार ने अपने पत्र में लिखा, ‘अपने पूरे कार्यकाल में मैंने सरकार के खिलाफ़ ऐसा गुस्सा और पूर्ण अविश्वास नहीं देखा, तब भी जब वह कुछ सही या तथ्यात्मक कहती है। आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से मैं एक महीने तक धैर्यपूर्वक सहता रहा हूँ और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था। ऐसा नहीं हुआ और सरकार जो भी दंडात्मक कदम उठा रही है, वह बहुत कम और बहुत देर से उठाया गया है।’
सरकार ने लिखा, ‘मुझे लगता है कि अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के गुट को ध्वस्त कर दिया जाता और इस निंदनीय घटना के तुरंत बाद अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई करने वालों को दंडित किया जाता तो इस राज्य में सामान्य स्थिति बहुत पहले ही बहाल हो सकती थी। मेरा मानना है कि आंदोलन की मुख्यधारा गैर-राजनीतिक और स्वतःस्फूर्त है और इसे राजनीतिक बताकर टकराव का रुख अपनाना सही नहीं है।’
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उन्होंने आगे कहा, ‘बेशक, विपक्षी दल मुश्किल हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन युवा और आम लोग जो हर दूसरे दिन सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित नहीं करते। वे राजनीति नहीं चाहते: वे न्याय और सजा चाहते हैं। आइए हम खुलकर विश्लेषण करें और समझें कि यह आंदोलन जितना अभय के पक्ष में है, उतना ही राज्य सरकार और पार्टी के खिलाफ भी है। इसके लिए तुरंत सुधार की जरूरत है, नहीं तो सांप्रदायिक ताकतें इस राज्य पर कब्जा कर लेंगी।’
I am quitting as MP primarily because of WB government’s faulty handling of the most spontaneous public movement following the terrible rape-murder case at RG Kar Hospital. Quitting politics— to be with the people in their struggle for justice. My commitment to values unchanged pic.twitter.com/V98R06ziny