देश पुलवामा आतंकी हमले की चौथी बरसी मना रहा है। पुलवामा आतंकी हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे। इन सबके बीच जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी का एक बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने साफ तौर पर भाजपा पर ही सेना के इस्तेमाल का आरोप लगा दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने सशस्त्र बलों में मुसलमानों के लिए 30% आरक्षण की भी मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा हमारे सशस्त्र बलों का इस्तेमाल अपने अपराधों को छिपाने के लिए करती है। उन्होंने हमारी सेनाओं के बलिदान, शौर्य और शहादत का लाभ उठाया है।
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हालांकि, जदयू नेता ने यह भी कहा कि हमें अपनी सेनाओं पर गर्व है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सशस्त्र बलों में मुसलमानों के लिए 30% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कह दिया कि ‘अगर पाकिस्तान से निपटने में डर लग रहा है तो सिर्फ 30 परसेंट फौज में मुसलमानों को जगह दी जाए।’ गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर भाजपा नेता निखिल आनंद ने कहा कि अगर गुलाम रसूल बलियावी को मुसलमानों की चिंता है तो 80% पसमांदा मुसलमानों को उचित सम्मान, न्याय और भागीदारी देने के लिए धार्मिक सुधार आंदोलन शुरू करें। हम बलियावी के हिंदू सनातन धर्म, हमारे धार्मिक नेताओं और भारतीय सेना के खिलाफ बयान की निंदा करते हैं।
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अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले जदयू नेता ने कहा था कि हमारे बच्चे अगर प्रदर्शन में चले जाते हैं तो उन्हें गोली मार दी जा रही है। अपने बयान में जदयू नेता ने कहा था कि अब समय आ गया है कि दो क़ानून बनने चाहिए। एक, कि कोई भी व्यक्ति अगर पैगंबर मोहम्मद की इज्जत पर हाथ डाले तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए और SC/ST एक्ट की तरह एक मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बनना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस वक्त देश में हमारे बच्चों को कोई भी किसी भी समय आतंकवादी के नाम पर उठा सकता है। जदयू नेता ने कहा कि हमारे बच्चे 18-20 साल की सज़ा काटकर बा-इज्जत बरी हो रहे हैं। कोई भी पैगंबर मोहम्मद की इज्जत पर हाथ डाल रहा है। हमारे बच्चे अगर प्रदर्शन करने चले जाएं तो गोली मार दी जा रही है।