जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने और संसदीय लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि भाजपा नये संसद भवन के माध्यम से इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है।
प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में रविवार को पटना उच्च न्यायालय के समीप स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष आयोजित एकदिवसीय आमरण अनशन कार्यक्रम में ललन ने भाग लिया।
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यह लोकतंत्र के दामन पर गहरा धब्बा है और 28 मई की यह तिथि काले दिन के रूप में सदैव याद की जाएगी।
ललन ने कहा, ‘‘हमारे लिए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पहली प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जिस प्रकार एक घिनौने षड्यंत्र के तहत महामहिम राष्ट्रपति जी को संसद भवन के उद्घाटन समारोह से अलग रखा गया, वह संसदीय परंपरा और संविधान की बुनियाद पर बड़ा प्रहार है। इसीलिए हमारी पार्टी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करके डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष अनशन कर रही है।’’
ललन ने भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कर्नाटक के चुनाव में प्रधानमंत्री जी ने बजरंग बली के नाम पर वोट मांगने का काम किया, लेकिन बजरंग बली भी इनके गलत कारनामों से नाखुश हैं इसीलिए उन्होंने गदा मारकर कर्नाटक से इनको बाहर भगा दिया।
जदयू अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग संघ से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को विदेश भेजकर मोदी-मोदी के नारे लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में मोदी-मोदी करवाते रहो, लेकिन देश में मोदी युग का अंत कर्नाटक से प्रारंभ हो चुका है।
बिहार में महागठबंधन सरकार की एक अन्य सहयोगी कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के खिलाफ राज्य की राजधानी में विरोध मार्च निकाला।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में विधायक और एमएलसी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बोरिंग रोड चौराहे से पटना उच्च न्यायालय के पास स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च निकाला।