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538 करोड़ की धोखाधड़ी: जेट एयरवेज के संस्थापक को 11 सितंबर तक ED की हिरासत में भेजा गया

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के एक कथित मामले में विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने 11 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। केनरा बैंक द्वारा दायर एक शिकायत पर दर्ज किया गया। गोयल (74) को केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार रात मुंबई में अपने कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। ईडी का मामला केनरा बैंक की शिकायत के बाद इस साल मई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पर आधारित है।

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बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जेट एयरवेज ने ऋण राशि का एक हिस्सा कमीशन के रूप में संबंधित कंपनियों को देकर बैंक से 538.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि ये लेनदेन धोखाधड़ी वाले थे और इसमें ऋण राशि से धन का हेरफेर शामिल था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में गोयल पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया। जांच एजेंसी ने इस साल मई में गोयल के आवास और कार्यालयों सहित मुंबई में सात स्थानों पर तलाशी भी ली थी।
ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि जेट एयरवेज के खर्चों का एक हिस्सा, जिसे संबंधित कंपनियों को भुगतान किए गए कमीशन के रूप में दिखाया गया था, वास्तव में गोयल परिवार और घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों के व्यक्तिगत खर्चों के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया गया था। एक अनिवासी भारतीय व्यवसायी गोयल ने अप्रैल 1992 में जेट एयरवेज की स्थापना की। हालांकि, वित्तीय कठिनाइयों के कारण अप्रैल 2019 में एयरलाइन ने परिचालन बंद कर दिया। कंपनी फिलहाल दिवालियेपन की प्रक्रिया से गुजर रही है।

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