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Jharkhand: प्रचार थमने के बाद कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, BJP बोली- संविधान से हो रहा खिलवाड़

भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कांग्रेस पर 12 नवंबर को 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करके नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भाजपा नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर अपने घोषणापत्र में एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया।
 

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पात्रा ने कहा कि आज 13 तारीख है और झारखंड में मतदान चल रहा है। मतदान से पहले के 48 घंटे साइलेंट पीरियड होता है, जिस दौरान कोई राजनीति पार्टी प्रचार प्रसार नहीं कर सकती और न ही अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है। इस विषय से हम से कोई अनभिज्ञ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कल 12 तारीख को कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। ये अपने आप में बहुत ही दुखद है और संविधान के साथ खिलवाड़ है।
झारखंड चुनाव अधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 मौन अवधि के दौरान घोषणापत्र जारी करने सहित किसी भी राजनीतिक कार्रवाई पर रोक लगाती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को कांग्रेस के घोषणापत्र जारी करने के बारे में शिकायतें मिली हैं, लेकिन इस मामले पर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच के बाद उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
 

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इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि उनकी पार्टी उन नियमों पर गौर कर रही है जो मौन अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही घोषणापत्र जारी कर दिया है और मुझे अभी भाजपा के बयान के बारे में पता चला है। फिलहाल हम मामले से जुड़े संबंधित नियमों पर गौर कर रहे हैं। अभी हम और क्या कर सकते हैं? मंगलवार को कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें जाति-आधारित जनगणना कराने, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए क्रीमी लेयर कैप को वर्तमान वार्षिक आय ₹8 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख करने, बढ़ाने का वादा किया गया।

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