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झारखंड राजनीतिक घमासान, आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी, रोपवे दुर्घटना से सुखिर्यों में रहा

रोपवे दुर्घटना में पर्यटकों के फंसने, राजनीतिक अनिश्चितता के बीच विधायकों के पड़ोसी राज्य में डेरा डालने और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक अधिकारी की गिरफ्तारी से झारखंड 2022 में सुर्खियों में छाया रहा।
इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला मोर्चा की एक कार्यकर्ता द्वारा आदिवासी घरेलू सहायिका से बर्बरता और पैंगबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के बाद हिंसा की घटनाएं भी चर्चा में रहीं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार 2023 में नए उत्साह के साथ अपने ‘‘कल्याण-केंद्रित मॉडल’’ को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

विकास योजनाओं को ग्रामीणों के दरवाजे तक पहुंचाने के लिए ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ पहल शुरू करने वाले सोरेन ने दावा किया कि इन कार्यक्रमों से 25 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं।
सोरेन ने कहा, ‘‘हमारा मुख्य ध्यान जमीनी स्तर पर शासन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इस साल अवांछित राजनीतिक उथल-पुथल हुई है, जो एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रतिशोध के अलावा कुछ नहीं था।’’
सोरेन ने 2023 में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर पीटीआई-से कहा, ‘‘मैं उन सभी मामलों पर केंद्र से समर्थन मांगता रहूंगा, जिन पर ध्यान देने और हस्तक्षेप करने की जरूरत है।’’

लाभ का पद मामले में भाजपा द्वारा सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग के बाद, राज्य के लिए वर्ष 2022 में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई। निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को इस संबंध में अपने फैसले से अवगत कराया था।
निर्णय को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ऐसी चर्चा थी कि निर्वाचन आयोग ने विधायक के रूप में सोरेन की अयोग्यता की सिफारिश की है। सरकार गिराने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच सोरेन ने सितंबर में झारखंड विधानसभा के एक विशेष सत्र में विश्वास मत जीता, जिससे उन्हें स्थिति मजबूत करने में मदद मिली।

राजनीतिक अनिश्चितता के बीच अपने विधायकों को दूसरे खेमे में जाने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने पड़ोसी कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ भेज दिया था। विधायकों को एक निजी विमान से रायपुर भेजा गया जो पांच सितंबर को विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण से पहले रांची आए। राज्यपाल को निर्वाचन आयोग की कथित सलाह के आधार पर सोरेन अब भी अयोग्यता के खतरे का सामना कर रहे हैं।
कथित अवैध खनन मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 17 नवंबर को सोरेन से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।

इससे पहले मई में, राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने खूंटी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कोष के कथित गबन और अन्य संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। आईएएस अधिकारी सिंघल को बाद में निलंबित कर दिया गया था।
देवघर जिले में रोपवे दुर्घटना में फंसे पर्यटकों की सलामती के लिए लोग प्रार्थना करते रहे। रोपवे पर केबल कार में 46 घंटे से अधिक समय तक फंसे लगभग 60 पर्यटकों को सशस्त्र बलों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों की संयुक्त टीम द्वारा बचाया गया।

इसी साल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई और रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन का था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
इस साल की शुरुआत में झारखंड के सिमडेगा जिले में 32 वर्षीय एक व्यक्ति की पत्थर मार कर और जलाकर हत्या कर दी गयी। पश्चिमी सिंहभूम में भाजपा के एक पूर्व विधायक पर माओवादी हमला हुआ, जो बाल-बाल बच गए, लेकिन माओवादियों ने उनके दो अंगरक्षकों का गला रेत दिया और तीन एके-47 राइफल छीनकर भाग गए थे।

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