उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से संसद में पहुँचे बीजेपी के युवा चेहरे जितिन प्रसाद को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया गया है। प्रसाद सरकार में वाणिज्य और उद्योग के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीकी का मंत्रालय संभालेंगे। उन्हें पीलीभीत से वरूण गाँधी के ऊपर तरजीह देकर पार्टी ने टिकट दिया था। जिसमें वे पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे हैं। जितिन प्रसाद की पारिवारिक जड़ें कांग्रेस के साथ जुड़ी रहीं हैं और वे 2021 में बीजेपी में शामिल हुए थे। राज्यमंत्री बनने से पहले जितिन प्रसाद योगी कैबिनेट में मंत्री थे।
जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर, 1973 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने शुरूआती पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से की और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। इसके बाद प्रसाद ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया। बीकॉम करने के बाद उन्होंने आइएमआइ नई दिल्ली से एमबीए किया। एमबीए करने की बाद जितिन प्रसाद बैंक में नौकरी करने लगे। उनके दादा ज्योति प्रसाद कांग्रेस के नेता थे और उनकी दादी पामेला प्रसाद कपूरथला के रॉयल सिख परिवार से थीं। प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व कांग्रेसी प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे।
उनका परिवार पूर्ण रूप से राजनीतिक परिवार रहा है। जितिन प्रसाद को राजनीति अपने बाबा और पिता से विरासत के रूप प्राप्त हुई। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2001 से थी। 2001 में वे भारतीय युवा कांग्रेस के सेक्रेटरी चुने गए। इसके बाद 2004 में उन्होंने पहली बार अपने गृह जनपद शाहजहांपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2008 में पहली बार प्रसाद केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किए गए। उनकी जीत का सिलसिला लगातार जारी रहा। 2009 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर धौरहरा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इस बार उन्हें एक बार फिर मनमोहन सरकार में मंत्रिमण्डल में शामिल किया गया। 2009 से 2011 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे।
जितिन प्रसाद ने 2011-12 में मनमोहन सरकार में पेट्रोलियम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली। 2012 से 14 में वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते जितिन प्रसाद चुनाव हार गए। उनको राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते था। 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से धौरहरा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2021 में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2022 के बाद लगातार दूसरी बार बनी योगी सरकार में उन्हें लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी।