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जेओए (आईटी) परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मामला: गिरफ्तार आरोपी पुलिस हिरासत में भेजे गये

सतर्कता विभाग ने कनिष्ठ कार्यालय सहायक (जेओए) (आईटी) परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में गिरफ्तार किए गए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) के एक कर्मचारी समेत सभी छह आरोपियों को यहां की एक अदालत ने शनिवार को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
सतर्कता विभाग ने शुक्रवार को कथित तौर पर प्रश्नपत्र बेचने और खरीदने पर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें उमा आजाद (एचपीएसएससी की गोपनीयता शाखा की वरिष्ठ अधीक्षक), उनके बेटे निखिल आजाद, बिचौलिए संजय शर्मा और नीरज, अजय शर्मा और तनु शर्मा शामिल हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि आयोग ने रविवार को होने वाली परीक्षा रद्द कर दी है, जिसमें 476 केंद्रों पर 1.3 लाख से अधिक लोग परीक्षा देने वाले थे। एचपीएसएससी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सतर्कता विभाग को एक व्यक्ति की तरफ से शिकायत मिली थी कि संजय नाम के एक दलाल ने प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के लिए उससे संपर्क किया था। शिकायत मिलने के बाद विभाग ने जाल बिछाया।
अधिकारियों ने बताया कि दलाल ने शिकायतकर्ता से एनआईटी हमीरपुर में मिलने के लिए कहा, जहां से वह उसे एचपीएसएससी की गोपनीयता शाखा की वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद के घर ले गया। उन्होंने कहा कि दलाल और अधिकारी को वहीं पकड़ लिया गया।

अधिकारियों के मुताबिक, “आजाद के घर से कुल 2.50 लाख रुपये और हल किए गए प्रश्नपत्र बरामद किए गए। उनका कंप्यूटर भी जब्त कर लिया गया।”
उन्होंने बताया कि दलाल को ऑनलाइन भुगतान करने वाले कुछ अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने जेओए (आईटी) परीक्षा के लिए आवेदन किया था। अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में राज्य सतर्कता विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एक मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि सतर्कता विभाग काफी समय से एचपीएसएससी की गिरफ्तार महिला कर्मचारी पर नजर रखे हुए था।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई के प्रमुख सुरेश कश्यप ने प्रश्नपत्र लीक होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए।

हालांकि, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहले ही दिन यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और उत्तरदायी होगी, इसलिए पुलिस सभी परीक्षाओं पर कड़ी नजर रख रही है।
यह पहली बार नहीं है, जब हिमाचल में किसी भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ है। इस साल की शुरुआत में एक कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र भी लीक हो गया था।
जांच के दौरान 253 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 181 से अधिक आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

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