हिन्दुस्तान टाइम्स लीडर्सशिप समिट में पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार बनी थी और हमारा सेवा काल शुरू हुआ था। उस वक्त इस समिट की थीम रिशेपिंग इंडिया। यानी ये मान कर चल रहा था कि आने वाले समय में भारत कुछ बहुत बदलेगा। 2019 में जब हमारी सरकार पहले से भी ज्यादा बहुमत के साथ आई तो आपने थीम रखा कनवर्शेन फॉर ए बेटर टूमॉर्रो। पीएम मोदी ने कहा कि समिट के माध्ययम से ये दुनिया को संकेत दिया गया कि भारत एक बेहतर भविष्य के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। अब 2023 में जब देश में अगले साल होने वाले चुनाव की चर्चा हो रही है तो इस समिट की थीम बियांड बैरियर्स है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं जनता के बीच रहने वाला व्यक्ति हूं तो मुझे उसमें एक संदेश दिख रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आम तौर पर ओपिनयन पोल चुनाव के पहले आते हैं और बताते हैं कि क्या होने वाला है। लेकिन आपने ये संकेत दे दिया है कि देश की जनता इस बार सारे बैरियर तोड़कर हमारा समर्थन करने वाली है।
इसे भी पढ़ें: चंद्रयान-2 कैसे फेल हुआ, के सिवन पर क्या लगाया आरोप, ISRO चीफ ने अपनी किताब के जरिए मचाया हंगामा
लंबे समय तक भारत और हम भारतीयों को अनेक बैरियर्स का सामना करना पड़ा। हम पर हुए हमलों और गुलामी के लंबे काल ने भारत को बांध दिया था। स्वतंत्रता आदंलोन के समय जो एक ज्वार उठा, जो जज्बा पैदा हुआ और सामूहिकता की जो भावना पैदा हुई उसने ऐसे कई बंधनों को तोड़ दिया था। आजादी के बाद उम्मीद थी कि यही मोमेंटम आगे भी जारी रहेगा। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। अनेक तरह के बंधनों में बंधा हमारा देश उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पाया जितना उसका सामर्थ था। एक बहुत बड़ा बैरियर मानसिकता का था। कुछ बैरियर्स असल में थे और कुछ बनाए गए थे। वहीं कुछ बैरियर बढ़ा चढ़ाकर हमारे सामने हौवे की तरह प्रस्तुत किए गए। 2014 के बाद से भारत लगातार इन बैरियर्स को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। मुझे संतोष है कि हमने अनेक बाधाएं पार की है। हम बीयांड बैरियर्स की बात कर रहे हैं। आज भारत हर बैरियर तोड़ते हुए चांद पर वहां पहुंचा है जहां कोई नहीं पहुंचा है। हर चुनौती को पार पाते हुए डिजिटल ट्रांजक्शन में नं 1 बना है। आज भारत हर बाधा से आगे निकलकर मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में लीड ले रहा है। आज भारत स्टार्टअप की दुनिया में टॉप 3 में है। आज भारत जी 20 जैसे आयोजनों में अपना परचम लहरा रहा है। आज भारत अपने को हर बंधन से मुक्त करके आगे बढ़ रहा है।
इसे भी पढ़ें: Bhutan King India Visit: कामाख्या मंदिर में प्रार्थना के साथ यात्रा की शुरुआत, काजीरंगा में जंगल सफारी का आनंद
पीएम मोदी ने कहा कि आपने सुना होगा कि सितारों के आगे जहां और भी है। भारत इतने पर ही रुकने वाला नहीं है। सबसे बड़ा बैरियर हमारे यहां माइंडसेट का ही था। जिसकी वजह से हमें कैसी-कैसी बातें सुनने को मिलती थी। इस देश का कुछ हो ही नहीं सकता। इस देश का कुछ बदल ही नहीं सकता। अपने यहां सब ऐसे ही करता है। लेट आए तो भी बड़े गर्व से कहते थे इंडियन टाइम। करप्शन का तो कुछ हो ही नहीं सकता साहब, इसके साथ जीना सीख लो। कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो मेंटल बैरियर तोड़कर देश को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। गांधी जी ने डांडी यात्रा में एक चुटकी नमक उठाया तो पूरा देश खड़ा हो गया। हम आजादी प्राप्त कर सकते हैं लोगों का ये विश्वास बढ़ गया था। अभी चंद्रयान की सफलता से 140 करोड़ देशवासी अचानक वैज्ञानिक नहीं बन गए लेकिन पूरा देश एक आत्मविश्वास के माहौल से भर गया। हर भारतीय बुलंद हौसले से भरा हुआ है। स्वच्छता का अभियान याद होगा आपको। कुछ लोग कहते थे कि लाल किले से पीएम का स्वच्छता की बात करना। टायलेट की बात करना इस पद की गरिमा के खिलाफ है। सैनेटरी पैड ऐसा शब्द था जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में भी बोलने से कतराते थे। मैंने लाल किले से ये मुद्दे उठाए। आज स्वच्छता एक जनआंदोलन बन गया है। पीएम मोदी ने कहा कि खादी को पहले कोई पूछता तक नहीं था। लेकिन अब पिछले 10 साल में खादी की बिक्री 3 गुणा से ज्यादा बढ़ गई है। जन धन बैंक अकाउंट की सफलता पूरा देश जानता है। जब हम ये लेकर आए थे तो लोग कहते थे कि लोग इसमें पैसे डालेंगे ही नहीं। लेकिन हमने ये मेंटल बैरियर को तोड़ा। लोगों ने देखा कि बैंक उनके दरवाजे पर खुद आ रहें हैं तो उनके मन में विश्वास जगा। आज वो बड़े अभिमान से अपनी जेब से रुपे कार्ड निकालता है। पहले कार्ड दिखाना एक फैशन था मोदी ने इसके गरीब की जेब में डाल कर रख दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी कोई आर्टिकल 370 को जम्मू कश्मीर से हटाने की बात करता था तो मनोवैज्ञानिक दवाब बना दिया गया कि ऐसा हुआ तो क्या हो जाएगा। लेकिन 370 की समाप्ति ने उस पूरे इलाके की शांति और समृद्धि के नए रास्ते खोल दिए। लाल चौक की तस्वीरें बताती हैं कि कैसे जम्मू कश्मीर का काया कल्प हो रहा है। टेररिज्म का अंत और टूरिज्म बढ़ रहा है। पहले भारत पर हमला होता था तो वो अन्य देशों की ओर देखता था। अब भारत पर हमला करने वाले इधर उधर भागते फिरते हैं।