Breaking News

वायनाड से क्या है टीपू सुल्तान का कनेक्शन? राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे के सुरेंद्रन ने नाम बदलने की मांग, मचा बवाल

केरल भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर वह इस सीट से चुने जाते हैं तो उनकी प्राथमिकता सुल्तान बाथरी शहर का नाम बदलकर गणपति वट्टम करना होगा। के सुरेंद्रन को भाजपा ने वायनाड से मैदान में उतारा गया है। सुल्तान बाथरी शहर मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है। सुरेंद्रन, जो वायनाड में मौजूदा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, ने दावा किया कि टीपू सुल्तान ने केरल में, खासकर वायनाड में लाखों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया।
 

इसे भी पढ़ें: Kannur Lok Sabha Seat: क्या जारी रहेगा कांग्रेस का दबदबा या बड़े उलटफेर में मिलेगी BJP को जीत

के सुरेंद्रन ने कहा कि टीपू सुल्तान कौन है? जब वायनाड और उसके लोगों की बात आती है, तो उनका महत्व क्या है? उस स्थान को गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। लोग जागरूक हैं और गणपति वट्टोम नाम से परिचित हैं। उसका नाम बदल दिया गया है। तो, कांग्रेस और एलडीएफ अभी भी टीपू सुल्तान के साथ हैं। उन्होंने कहा कि उसने कई मंदिरों पर हमला किया और केरल, विशेषकर वायनाड और मालाबार क्षेत्र में लाखों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया। 
भाजपा ने हमेशा दावा किया है कि टीपू सुल्तान एक ध्रुवीकरण करने वाला व्यक्ति था जिसने मंदिरों को ध्वस्त किया था। पार्टी ने पहले कर्नाटक में टीपू जयंती मनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। अपनी टिप्पणी को लेकर सुरेंद्रन को वाम दलों और कांग्रेस की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि केरल में ऐसा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह केरल है ना। ये केरल है। आपको सही पता है? यह नहीं होगा। वह वैसे भी नहीं जीतेगा, और वह नाम भी नहीं बदलेगा। 
 

इसे भी पढ़ें: Kerala: ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर जारी है विवाद, सीएम विजयन ने RSS-BJP पर लगाया बड़ा आरोप

सुल्तान बाथेरी वायनाड के तीन नगरपालिका शहरों में से एक है। केरल टूरिज्म वेबसाइट के मुताबिक, सुल्तान बाथरी को पहले गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। यह नाम विजयनगर काल के दौरान बने एक गणेश मंदिर के नाम पर रखा गया था। 1700 में मालाबार क्षेत्र पर टीपू सुल्तान के आक्रमण के बाद शहर का नाम बदल दिया गया था। आक्रमण के दौरान, टीपू सुल्तान ने अपना गोला-बारूद और तोपखाना गणपति वट्टोम में फेंक दिया था। इसलिए, ब्रिटिश अभिलेखों में इस शहर को ‘सुल्तान की बैटरी’ के नाम से जाना जाने लगा। टीपू सुल्तान ने वहां एक किला भी बनवाया, जो अब खंडहर हो चुका है।

Loading

Back
Messenger