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कलाक्षेत्र ने यौन उत्पीड़न के आरोपी हरि पैडमैन और तीन अन्य को किया निलंबित

कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के एक नृत्य प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न के आरोप में संगठन ने निलंबित कर लिया है। इस मामले में छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच समिति का भी गठन किया है। 
 
इस संबंध में फाउंडेशन की ओर से जानकारी दी गई है कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के कन्नन को जांच समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा इस समिति में तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी लतिका सरन और डा शोभा वर्धमान को शामिल किया गया है जि को एक चिकित्सक है। कलाक्षेत्र फाउंडेशन ने मामले को लेकर जानकारी दी है कि कथित तौर पर आरोपी प्रोफेसर हरि पद्मन को जांच पूरी किए जाने तक निलंबित कर दिया गया है।
 
आरोपी शिक्षक है गिरफ्तार
कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के एक नृत्य प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। तमिलनाडु राज्य महिला आयोग की प्रमुख ए एस कुमारी ने कलाक्षेत्र प्रबंधन से कहा है कि छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी तीन अन्य पुरुष संकाय सदस्यों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे पहले, चेन्नई पुलिस ने कॉलेज के संकाय सदस्य हरि पद्मन को गिरफ्तार किया। 
 
पुलिस ने एक शिकायत पर उसके खिलाफ पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) और 509 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से किसी कृत्य को अंजाम देना) के साथ-साथ कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया था। वह प्रतिष्ठित संस्थान में यौन उत्पीड़न के आरोपी चार संकाय सदस्यों में से एक है। पुलिस ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस की एक टीम पद्मन के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए दो अप्रैल को केरल गई थी। इस बीच, कलाक्षेत्र की निदेशक रेवती रामचंद्रन महिला आयोग के सामने पेश हुईं। 
 
आयोग की प्रमुख कुमारी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने संस्थान से यौन उत्पीड़न के मुद्दों को लेकर इसकी आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के बारे में कुछ विवरण मांगा था। कुमारी ने कहा कि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिसर में छात्राओं की सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक आरोपी के खिलाफ ‘पुलिस कार्रवाई’ हुई है, जबकि “तीन अन्य को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होनी चाहिए।” आयोग की प्रमुख ने कहा कि इससे संस्थान के प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है और उसने यह बात मान ली है।

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