सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में कावड़ यात्री जल लाकर मंदिरों में चढ़ाते हैं। ऐसे में खबर सामने आई है कि ताजमहल में जल चढ़ाने की कोशिश की गई है। एक महिला कांवड़िया कावड़ लेकर ताजमहल के गेट तक पहुंच गई। हालांकि पुलिस ने ताजमहल में जैसे-तैसे तांडव होने से रोक लिया। मीना राठौड़ ने कहा कि मैं तेजोमहालय में गंगाजल चढ़ाने आई थी। भगवान शिव ने मुझे सपने में बुलाया और मैं तेजो महालय पर चढ़ाने के लिए कांवर ले आई। लेकिन पुलिसकर्मियों ने मुझे आगे जाने से रोक दिया। महिला कांवड़ लेकर ताजमहल के गेट तक पहुंच गई। महिला कांवड़ यात्री के इस कदम से पुलिसवालों के भी हाथ पांव फूल गए। पुलिसवालों ने महिला को गेट पर ही रोक दिया।
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सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ताज सुरक्षा, सैयद अरीब अहमद ने बताया कि राठौड़ को पश्चिमी गेट बैरियर पर रोका गया और ताज महल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। अहमद ने कहा कि कुछ समय बाद, उन्होंने खुद ही राजेश्वर मंदिर में ‘गंगाजल’ चढ़ाने का फैसला किया। अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने राठौड़ का समर्थन करते हुए कहा कि जिस स्थान पर वे भगवान शिव का मंदिर होने का दावा करते हैं, वहां ‘गंगाजल’ चढ़ाना उनका “अधिकार” है।
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ताज महल में ‘गंगा जल’ चढ़ाना हमारा अधिकार है क्योंकि यह ‘तेजो महालय’, भगवान शिव का मंदिर है। वह कासगंज के सोरों जी से कांवर लेकर आईं और दो दिन बाद आगरा पहुंच गईं। ताज महल अक्सर विवादों में घिरा रहता है, कुछ समूह इसे शिव मंदिर होने का दावा करते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 2017 में इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि स्मारक एक मकबरा है, मंदिर नहीं।