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Karnataka: फिर शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंची भाजपा और कांग्रेस, जानें क्या हैं इनकी मांग

कर्नाटक चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार की राजनीति जारी है। दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग भी पहुंच रहे हैं। आज भाजपा और कांग्रेस, दोनों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था। भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीयूष गोयल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और संवैधानिक अधिकारियों के लिए जिस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह उनकी हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमने मांग की कि चुनाव आयोग मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियांक खड़गे के खिलाफ कार्रवाई करे और आदर्श आचार संहिता लागू करे। 
 

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गोयल ने यह भी कहा कि आज जो उन्होंने (कांग्रेस) अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही है वह बहुत ही शर्मनाक है। एक संस्था जो श्री राम की सेवा में जुटी है, जो बजरंग दल बजरंगबली का नारा लेकर जनता में अपना काम करता है उसपर ताला लगाने की जो कोशिश कांग्रेस कर रही है यह उनकी सोच को दर्शाती है। दिल्ली में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल भी आयोग से मिला। सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि अगर कोई गृह मंत्री कहता है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर दंगे होंगे, तो उसके कहने का क्या मतलब है?…संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को नफरत फैलाने वाले भाषण नहीं देने चाहिए। इस पर SC का आदेश… हमने विशेष रूप से 3 लोगों – गृह मंत्री, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभ्यावेदन दिया।”
 

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तन्खा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ऐसी बातें बोलते हैं, जिससे ध्रुवीकरण और समाज तथा देश में विभाजन होता है। गृह मंत्री कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आ जाएगी, तो दंगा हो जाएगा। कांग्रेस ने लंबे समय तक देश में शासन किया। क्या कांग्रेस की सरकारों में हमेशा दंगे होते थे? दंगे कौन कराता है, सबको पता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने आयोग से कहा है कि गृह मंत्री, भाजपा अध्यक्ष नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो बयान दिए हैं, वो ‘हेट स्पीच’ की परिके दायरे में आते हैं। इस पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए।’’

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