कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले किए गए पांच चुनावी वादों को कथित तौर पर पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहने को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई।
भाजपा ने योजना के मुताबिक कांग्रेस सरकार के खिलाफ सदन के अंदर और बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
हंगामे के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर ने प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का संचालन किया।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तुरंत बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।
खादर ने विधानसभा सत्र को 14 जुलाई के बजाय 21 जुलाई तक बढ़ाने की भी घोषणा की।
सदन में जहां पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई की, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, पार्टी सांसद डी. वी. सदानंद गौड़ा और सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने फ्रीडम पार्क में सरकार के खिलाफ धरना दिया।
येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पांच चुनावी गारंटी के जरिये जनता को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा धरना पांच गारंटी पूरी नहीं होने के खिलाफ है। हम धर्मांतरण-रोधी और गोहत्या-रोधी कानूनों को वापस लेने के सरकार के रुख का भी विरोध कर रहे हैं, जो हमारी सरकार ने अतीत में पेश किये थे।’’
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए येदियुरप्पा ने जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के भ्रष्टाचार के उस आरोप का समर्थन किया कि राज्य में ‘तबादला गिरोह’ सक्रिय है।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कुमारस्वामी ने जो भी कहा है वह बिल्कुल सच है और मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं। हम भविष्य में मिलकर लड़ेंगे।’’
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया था राज्य में सरकार द्वारा नई कर व्यवस्था वाईएसटी कर लाई गई है।
फ्रीडम पार्क में विरोध-प्रदर्शन के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कर्नाटक में महाराष्ट्र जैसा राजनीतिक घटनाक्रम के दोहराए जाने की संभावना जताई।
ईश्वरप्पा ने अपने संबोधन में दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ वह कर्नाटक में संभव है।
यहां पहले से ही एक ‘अजित पवार’ तैयार है। यह सरकार अधिक समय तक नहीं चलेगी।’’
इससे पहले दिन में, कर्नाटक विधानसभा में चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा दी गयी पांच गारंटी पूरी करने में कथित विलंब को लेकर भाजपा के हंगामे के कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गयी।
भाजपा विधायक सदन के आसन के समीप आ गए और सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाने लगे जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।
अध्यक्ष द्वारा तारांकित प्रश्नों को उठाने की इजाजत दिए जाने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई।इसके अनुरूप कांग्रेस विधायक शिवलिंगे गौड़ा सवाल करने के लिए खड़े हुए।
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कार्य स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने और प्रश्नकाल के स्थान पर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
उनके साथ भाजपा विधायक आर. अशोक ने सरकार पर पांच गारंटी के नाम पर लोगों से ‘‘धोखा’’ करने का आरोप लगाया।
इसके बाद भाजपा के अन्य विधायकों ने पहले उनकी बात सुनने की मांग की।अध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों से कई बार प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन किसी ने उनकी अपील नहीं सुनी।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पांच गारंटी की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल होने दीजिए। फिर हम उनका (भाजपा) ‘ज्ञान’ लेंगे।’’
शिवकुमार ने भाजपा से पूछा कि क्या उसने सभी के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा कराने और विदेशों में पड़े काले धन को वापस लाने का वादा पूरा किया?
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम उन्हें पूरा करेंगे।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी भाजपा से अपना ‘अड़ियल रवैया’ छोड़ने की अपील की।
इसके तुरंत बाद भाजपा विधायक आसन के समीप आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
हंगामे के कारण अध्यक्ष खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई भाजपा विधायक फिर सदन के बीचोंबीच आ गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा और बाद में विभिन्न विभागों से जुड़े कागजात को सदन के पटल पर रखने की इजाजत दी।
इसके बाद सदन को भोजन अवकाश के लिए स्थगित कर दिया।