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कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने कहा कि मराठों ने राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को राष्ट्र निर्माण में मराठों की भूमिका को रेखांकित किया और देश को एकजुट करने वाली विविध सांस्कृतिक तथा धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने पर जोर दिया।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कर्नाटक और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक उन लोगों का घर है, जो विभिन्न भाषाएं बोलते हैं और स्थानीय कन्नडिगा की तरह राज्य में सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं।

बोम्मई ने हावेरी जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र शिग्गांव में मराठा भवन की आधारशिला रखने के बाद कहा, “यह (मराठा) समुदाय सैकड़ों वर्षों से कर्नाटक में है। समुदाय ने कर्नाटक की भूमि, जल, संस्कृति और को अपना लिया है।”
उन्होंने कहा, “यहां के किसी भी अन्य नागरिक की तरह, वे भी गर्वित कन्नडिगा हैं, जो किसी से पीछे नहीं हैं। मराठों के साथ बहुत पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं, जो समय के साथ बढ़े हैं, जिनका हमें सम्मान करना चाहिए।”
बोम्मई ने डॉ. आंबेडकर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने (आंबेडकर) अपने जीवन में हुए अपमान और अत्याचारों को दरकिनार कर दिया और राष्ट्र और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए संविधान दिया।

उन्होंने कहा, “एक देश सिर्फ सड़क या इमारत नहीं है। देश लोगों, उनकी संस्कृति और चरित्र के बारे में है। इसे ध्यान में रखते हुए, बाबा साहेब आंबेडकर ने इस संविधान का निर्माण किया।”
मुख्यमंत्री ने हिंदू राजवंश की स्थापना में 17वीं शताब्दी के मराठा शासक शिवाजी महाराज के योगदान को भी याद किया।
उन्होंने लोगों को बताया कि समाज और धर्म की रक्षा में शिवाजी महाराज की भूमिका बहुत बड़ी थी। वह पूरे देश के थे और हर कोई उन पर गर्व महसूस करता है।

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