Breaking News

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया बिजली दरों पर चर्चा के लिए औद्योगिक निकायों को बुलायेंगे

बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर कुछ औद्योगिक निकायों द्वारा नाराजगी जताए जाने के मद्देनजर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि वह इन चिंताओं के संबंध में चर्चा के लिए उद्योगपतियों की एक बैठक बुलाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हंगामे का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अगले महीने से बिजली के बिल कम होने वाले हैं।
हुबली स्थित ‘कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (केसीसीआई) ने 22 जून को बंद का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक निकायों के पदाधिकारियों को संदेह दूर करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्हें समझाने के लिए तथ्य और आंकड़े दिये गये हैं।

मुझे उम्मीद है कि वे आश्वस्त हैं। हमारे अधिकारियों ने भी उन्हें बुलाया और उनसे बात की।’’
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बिजली का बिल ज्यादा लग रहा था, क्योंकि लोगों को दो महीने का बिल मिला था।
उन्होंने कहा, ‘‘शुल्क कम नहीं होगा। यह अधिक लग रहा है क्योंकि दो महीने का बिल दिया गया था। अगले महीने से हर महीने का बिल दिया जाएगा। इसके बाद, बिल की राशि कम हो जायेगी।’’
बंद का आह्वान करते हुए केसीसीआई ने अपने सदस्यों को भेजे एक बयान में कहा कि बिजली शुल्क में मूल्य वृद्धि असामान्य है।
केसीसीआई ने कहा, ‘‘हम सभी व्यापार और उद्योग जगत से 22 जून को अपने प्रतिष्ठान बंद करने का अनुरोध करते हैं।’’

इसने कहा कि पिछले आठ दिन से उसने बिजली शुल्क में बढ़ोतरी के प्रभाव की गंभीरता को बताने का प्रयास किया।केसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष संदीप बिदसारिया ने स्पष्ट किया कि वे सरकार के खिलाफ नहीं जा रहे हैं, बल्कि इस उम्मीद के साथ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि उनकी बात सुनी जाए और कोई उपाय निकाला जाये।
कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) ने कहा कि बढ़ोतरी ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) और अप्रैल से बकाया के कारण थी।

Loading

Back
Messenger